
Up Kiran, Digital Desk: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, चाहे आप स्टूडेंट हों या नौकरीपेशा, कभी-कभी काम का दबाव इतना बढ़ जाता है कि सब कुछ बोझ लगने लगता है। लगातार थकान, काम में मन न लगना और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन महसूस होना - ये सभी 'बर्नआउट' के लक्षण हो सकते हैं।
बर्नआउट सिर्फ़ ज़्यादा काम करने की वजह से होने वाली थकावट नहीं है, बल्कि यह एक गहरी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक थकावट की स्थिति है। यह एक संकेत है कि आपका शरीर और दिमाग अब और तनाव नहीं झेल पा रहा है और उसे एक ब्रेक की सख्त ज़रूरत है। अच्छी बात यह है कि कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप बर्नआउट से बच सकते हैं और अपनी ऊर्जा वापस पा सकते हैं।
1. अपनी सेहत को दें प्राथमिकता (Prioritize Self-Care)
अक्सर हम काम के चक्कर में अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन याद रखें, आपका शरीर ही आपका सबसे बड़ा औजार है। इसलिए, हर दिन 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें, पौष्टिक खाना खाएं और थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज या पैदल चलने के लिए समय ज़रूर निकालें। यह आपके शरीर और दिमाग, दोनों को तरोताज़ा रखने में मदद करेगा।
2. 'न' कहना सीखें (Learn to Set Boundaries)
हर काम के लिए 'हाँ' कह देना आपको एक अच्छा टीम प्लेयर बना सकता है, लेकिन यह बर्नआउट का सबसे बड़ा कारण भी है। अपनी सीमाओं को पहचानें। अगर आप पर पहले से ही काम का बोझ है, तो विनम्रता से अतिरिक्त काम के लिए मना करना सीखें। काम के बाद ऑफिस के ईमेल और मैसेज से दूरी बनाएं ताकि आप अपने निजी जीवन के लिए भी समय निकाल सकें।
3. माइंडफुलनेस और डिजिटल डिटॉक्स (Practice Mindfulness & Disconnect)
हमारा दिमाग हर वक्त भविष्य की चिंता या अतीत की बातों में उलझा रहता है। माइंडफुलनेस यानी वर्तमान पल में जीने का अभ्यास करें। इसके लिए आप मैडिटेशन (ध्यान), गहरी सांस लेने के व्यायाम या बस कुछ पल शांति से बैठ सकते हैं। इसके साथ ही, टेक्नोलॉजी से थोड़ी देर के लिए ब्रेक लें। दिन में कुछ समय के लिए अपना फोन और लैपटॉप बंद कर दें। यह आपको मानसिक शांति देगा।
4. अपने शौक़ को दें समय (Pursue Hobbies)
काम और जिम्मेदारियों के अलावा, कुछ ऐसा करें जिससे आपको सिर्फ़ खुशी मिलती हो। चाहे वह पेंटिंग करना हो, गाना सुनना हो, कोई खेल खेलना हो, या दोस्तों के साथ घूमना हो। जब आप अपने शौक़ के लिए समय निकालते हैं, तो यह तनाव को कम करने और मन को खुश करने का एक शानदार तरीका होता है।
5. मदद मांगने में न हिचकिचाएं (Seek Support)
अगर आपको लगता है कि आप अकेले इस स्थिति से नहीं निपट पा रहे हैं, तो मदद मांगने में कोई बुराई नहीं है। अपने किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या सहकर्मी से अपनी भावनाओं के बारे में बात करें। कभी-कभी सिर्फ बात कर लेने से ही मन का बोझ हल्का हो जाता है। अगर ज़रूरत महसूस हो, तो किसी पेशेवर काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद लेने से भी न कतराएं।
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