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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल की मान्यता को जिला प्रशासन ने रद्द कर दिया है। यह कदम उस घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें पिछले साल सितंबर में तीन साल की बच्ची के साथ कथित यौन उत्पीड़न हुआ था। घटना भोपाल के कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित रेडक्लिफ स्कूल की है, जहां एक शिक्षक पर बच्ची के साथ रेप का आरोप लगा था।

आरोपी शिक्षक गिरफ्तार, मामला दर्ज

इस जघन्य वारदात के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक कासिम रेहान के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना के सामने आने के बाद न सिर्फ शहर में आक्रोश की लहर दौड़ गई, बल्कि प्रशासन भी हरकत में आया। जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल की कार्यप्रणाली की जांच के आदेश दिए थे।

जांच में लापरवाही उजागर, स्कूल की मान्यता रद्द

जांच में सामने आया कि स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर खामियां थीं। इस पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गुरुवार रात स्कूल की मान्यता समाप्त करने का आदेश जारी किया। यह भोपाल का पहला मामला है जब किसी निजी शैक्षणिक संस्थान की मान्यता इतनी सख्ती से रद्द की गई है। साथ ही, स्कूल की कक्षा 1 से 8 तक की सभी मान्यताओं को भी रद्द कर दिया गया है।

स्कूल का संचालन 2025-26 से होगा बंद

प्रशासन की ओर से दिए गए आदेश के अनुसार, स्कूल का संचालन शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। इस बीच, वर्तमान में पढ़ रहे छात्रों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो। छात्रों को पास के निजी या सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने की अनुमति दी गई है।

324 छात्रों के लिए नया इंतजाम, सरकारी और निजी विकल्प खुले

फिलहाल स्कूल में 324 छात्र पढ़ रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन छात्रों ने आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत दाखिला लिया है, उन्हें नजदीकी सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, बाकी छात्र अन्य निजी स्कूलों में प्रवेश ले सकते हैं। जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि छात्रों के शैक्षणिक भविष्य पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

सुरक्षा जांच में मिली गंभीर खामियां

घटना के बाद जिला प्रशासन ने दो अलग-अलग जांच समितियां गठित की थीं। पहली जांच टीम ने पाया कि स्कूल में खासकर छात्राओं के लिए सुरक्षा के बुनियादी उपायों की भारी कमी थी। इसके बाद एक दूसरी टीम ने स्कूल के संचालन से संबंधित विस्तृत मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की और कलेक्टर को सौंपी। इसी रिपोर्ट के आधार पर स्कूल की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया गया।