Up Kiran, Digital Desk: दोस्तों, हम सब जानते हैं कि अपने पूर्वजों का सम्मान करना और उन्हें याद रखना कितना ज़रूरी है. खासकर जब बात अमावस्या की आती है, तो यह दिन पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बहुत खास माना जाता है. साल 2025 में मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन भी ऐसा ही एक महत्वपूर्ण मौका है. यह दिन हमारे पूर्वजों की आत्माओं की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए समर्पित होता है.
हमारी मान्यताओं के अनुसार, अगर हमारे पूर्वज (पितृ) किसी कारण से अप्रसन्न होते हैं, तो उनका असर हमारे जीवन में दिखने लगता है. इससे घर में कलह, आर्थिक परेशानियां, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें और कई तरह की अड़चनें आ सकती हैं. पर सवाल ये है कि हमें कैसे पता चलेगा कि हमारे पितृ नाराज़ हैं? ज्योतिष और धर्म शास्त्रों में कुछ ऐसे संकेत बताए गए हैं, जिनसे आप समझ सकते हैं कि आपके पूर्वजों को आपकी याद या श्रद्धा नहीं मिल रही है. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 अशुभ संकेतों के बारे में:
1. घर में बार-बार झगड़े और मनमुटाव
अगर आपके घर में आए दिन छोटे-मोटे झगड़े होते रहते हैं, बात-बात पर मनमुटाव होता है और शांति भंग रहती है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके पितृ नाराज़ हैं. उनकी नाराज़गी से घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है और पारिवारिक संबंध खराब होने लगते हैं.
2. बेवजह काम बिगड़ना और पैसों की तंगी
आप कितनी भी मेहनत करें, लेकिन अगर आपके बनते-बनते काम बार-बार बिगड़ रहे हैं, नौकरी या व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है और घर में पैसों की तंगी बनी रहती है, तो यह भी पितरों की नाराज़गी का संकेत हो सकता है. इससे धन हानि होती है और तरक्की के रास्ते बंद होने लगते हैं.
3. घर में किसी का बार-बार बीमार पड़ना
अगर घर का कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है, इलाज के बाद भी आराम नहीं मिलता या घर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगी रहती हैं, तो इसे हल्के में न लें. पितरों की नाराज़गी का असर सीधे स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है.
4. संतान संबंधी परेशानियाँ
संतान न होना, संतान का स्वस्थ न होना, या बच्चों की पढ़ाई या करियर में लगातार अड़चनें आना, ये सभी संकेत भी पितृ दोष या पूर्वजों की नाराज़गी की तरफ इशारा करते हैं. ऐसी स्थिति में पितरों की शांति के उपाय करना बहुत ज़रूरी हो जाता है.
5. घर में अचानक आने वाली दुर्घटनाएँ या अप्रिय घटनाएँ
अगर आपके घर में अचानक से दुर्घटनाएँ बढ़ गई हैं, बेवजह का नुकसान हो रहा है या कोई अप्रिय घटना बार-बार घट रही है, तो यह भी इस बात का लक्षण है कि पितृगण आपसे खुश नहीं हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि आप उन पर ध्यान दें.
मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये काम, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
अगर आपको ऐसे कोई संकेत दिख रहे हैं, तो निराश न हों! मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन पितरों को शांत करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे अच्छा अवसर है. इस दिन:
- पितरों का तर्पण और श्राद्ध करें.
- किसी पवित्र नदी में स्नान करें या घर में नहाते समय पानी में गंगाजल मिलाएं.
- गरीबों और ज़रूरतमंदों को भोजन कराएँ और दान करें.
- पितृ गायत्री मंत्र या पितृ स्तोत्र का जाप करें.
- अपने घर में एक दीपक जलाकर पितरों से आशीर्वाद मांगें.
इन छोटे-छोटे उपायों से आप अपने पूर्वजों को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद पाकर जीवन की मुश्किलों को कम कर सकते हैं. याद रखिए, पूर्वजों का आशीर्वाद हमारे जीवन को सफल और सुखमय बनाता है.
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