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साधारण उपभोक्ता के लिए अच्छी खबर है। महंगाई की मार इस साल ज्यादा नहीं झेलनी पड़ेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बताया कि खुदरा महंगाई दर 4.2 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत के आसपास बनी रहेगी। इसका मतलब है कि जरूरी चीजें जैसे राशन, सब्जियां और अन्य उपभोक्ता वस्तुएं सामान्य दाम पर मिलती रहेंगी।

महंगाई दर में गिरावट के संकेत

फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर 3.61 प्रतिशत रही थी, जबकि जनवरी में यह 4.26 प्रतिशत थी। RBI का मानना है कि महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा और यह पूरे वित्त वर्ष में औसतन 4 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

तिमाहीवार अनुमान के अनुसार:

पहली तिमाही: 3.6% (पहले अनुमानित 4.5%)

दूसरी तिमाही: 3.9% (पहले 4%)

तीसरी तिमाही: 3.8% (कोई बदलाव नहीं)

चौथी तिमाही: 4.2% (पहले 4.4%)

ये आंकड़े संकेत देते हैं कि खुदरा महंगाई काबू में रहेगी, जिससे आम लोगों की जेब पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

रेपो रेट में बदलाव और वैश्विक चुनौतियां

हाल ही में अमेरिका ने भारतीय आयात पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में महंगाई को नियंत्रण में रखते हुए आर्थिक विकास को बनाए रखना नीति निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौती है। RBI की ओर से रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की गई है, लेकिन नीतिगत स्थिरता के संकेत दिए गए हैं ताकि वित्तीय वातावरण सकारात्मक बना रहे।

गोल्ड लोन पर नई नीति जल्द

RBI गवर्नर ने यह भी घोषणा की कि गोल्ड लोन को लेकर एक नई और व्यापक नीति लाई जाएगी। इस नीति के तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए एकसमान दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “स्वर्ण आभूषणों और गहनों को गिरवी रखकर दिए जाने वाले ऋण यानी गोल्ड लोन को लेकर स्पष्ट और統 दिशा-निर्देश की जरूरत है, जिसे हम जल्द ही लेकर आएंगे।”