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Up Kiran, Digital Desk: किश्तवाड़ जिले के चशोती क्षेत्र में 14 अगस्त को बादल फटने के बाद आई भयंकर बाढ़ से तबाही का मंजर कायम है। इस हादसे के बाद से राहत कार्य लगातार जारी है और मंगलवार को छठे दिन भी लापता लोगों की तलाश का अभियान जारी रहा। बचावकर्मी मलबे के नीचे दबे दो और शवों को निकालने में सफल हुए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है।

सेना, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एसडीआरएफ जैसी विभिन्न एजेंसियां और संगठन लापता लोगों की खोज में जुटे हुए हैं। लापता लोगों की संख्या को लेकर स्थिति अभी भी अस्पष्ट है। इस भ्रम को दूर करने के लिए प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों और संगठनों के माध्यम से एक विस्तृत और प्रामाणिक सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इसके तहत मचैल माता की यात्रा से जुड़े विभिन्न धार्मिक संगठनों और लंगर समितियों के प्रतिनिधियों के अलावा सभी जिलों और तहसीलों के प्रशासन व पुलिस को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।

लापता लोगों की संख्या में असमंजस

चशोती में आई इस बाढ़ के बाद से करीब 200 लोग लापता हो गए हैं, हालांकि सरकारी आंकड़े इसे 100 के करीब मानते हैं। प्रशासन ने इस संख्या को लेकर स्पष्टता देने की कोशिश की है, लेकिन ये निरंतर बदल रही है। कभी कोई लापता व्यक्ति घर लौट आता है, तो किसी अन्य लापता का शव मिल जाता है, जिससे मृतकों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

 

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