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दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी महिला पेंशन योजना में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि इस योजना के तहत अब तक सत्यापित किए गए कुल 2.3 लाख लाभार्थियों में से 25000 से अधिक महिलाएं अपात्र थीं और धोखाधड़ी से वित्तीय सहायता प्राप्त कर रही थीं।

इस योजना के तहत दिल्ली सरकार विधवा तलाकशुदा अलग हुई या निराश्रित महिलाओं जैसी संकटग्रस्त महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये की पेंशन प्रदान करती है। वर्तमान में इस योजना के लगभग 3.8 लाख लाभार्थी हैं। हालांकि कई शिकायतों के बाद दिल्ली सरकार ने पिछले साल नवंबर में एक व्यापक घर-घर जाकर सत्यापन अभियान शुरू किया था। इस कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया था जिनका मेन मकसद लाभार्थियों की वास्तविकता और पात्रता की जांच करना था।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 2.28 लाख लाभार्थियों का सत्यापन पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान ये पाया गया कि 25000 से अधिक लाभार्थी योजना के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं।

अफसर ने आगे बताया कि सत्यापन में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। "तलाकशुदा" के रूप में पंजीकृत कुछ महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया था जबकि कई अन्य लाभकारी रोजगार में थीं और नियमित आय अर्जित कर रही थीं। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में लाभार्थी उन पतों पर नहीं मिलीं जो उन्होंने योजना के तहत पंजीकरण के दौरान दिए थे।

इन गंभीर निष्कर्षों के बाद विभाग ने तत्काल प्रभाव से उन सभी लाभार्थियों के लिए पेंशन वितरण रोक दिया जिनका सत्यापन अभी लंबित है। हालांकि अब उन लाभार्थियों के लिए भुगतान फिर से शुरू कर दिया गया है जिनकी पात्रता सफलतापूर्वक सत्यापित हो चुकी है। शेष लाभार्थियों का सत्यापन आने वाले हफ्तों में पूरा किया जाएगा।

बता दें कि महिला पेंशन योजना की शुरुआत 2007-08 में आर्थिक रूप से कमजोर विधवाओं को नियमित आय प्रदान करके उनकी सहायता करने के उद्देश्य से की गई थी। इस योजना पर सरकार को सालाना लगभग 1140 करोड़ रुपये का खर्च आता है। शुरुआती दौर में 6288 महिलाओं को हर महीने 600 रुपये की सहायता राशि मिलती थी। समय के साथ लाभार्थियों की संख्या और वितरित की जाने वाली राशि दोनों में काफी वृद्धि हुई है।

क्या है पात्रता

योजना के तहत पात्रता के लिए कुछ निश्चित मानदंड निर्धारित किए गए हैं। एक पात्र प्राप्तकर्ता की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए वह पिछले कम से कम पांच वर्षों से दिल्ली का निवासी हो और उसके परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।