Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।सोमवार को नई दिल्ली में हुए एक भव्य कार्यक्रम में उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये के 'रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (RDI) फंड' को लॉन्च किया। इस फंड का मुख्य उद्देश्य देश में प्राइवेट सेक्टर को रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित करना है।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में 'इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025 का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह फंड उन युवाओं और इनोवेटर्स के लिए है जो कुछ नया करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, यह 1 लाख करोड़ रुपये आपके लिए हैं। यह आपकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है। यह आपके लिए नए अवसर खोलने के लिए है।
क्यों पड़ी इस फंड की जरूरत?
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अब तक सरकार ही रिसर्च और डेवलपमेंट पर ज्यादा खर्च करती आई है, लेकिन अब समय आ गया है कि प्राइवेट सेक्टर भी इसमें आगे आए। इस फंड का मकसद ऐसे बड़े और जोखिम भरे रिसर्च प्रोजेक्ट्स को आर्थिक मदद देना है, जिनमें पैसा डूबने का खतरा तो होता है, लेकिन अगर वे सफल हो जाएं तो देश में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। सरकार का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर के आने से देश का इनोवेशन इकोसिस्टम और भी मजबूत होगा।
क्या हैं इस फंड की खास बातें?
इस मौके पर पीएम मोदी ने 'अनुसंधान रिसर्च फाउंडेशन' की स्थापना की भी घोषणा की, जो विश्वविद्यालयों में रिसर्च और इनोवेशन को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से होने वाले बदलावों का नेतृत्व करने वाला देश बन गया है।उन्होंने कोरोना काल का उदाहरण देते हुए कहा कि हमने रिकॉर्ड समय में स्वदेशी वैक्सीन बनाई और दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया, जो हमारी बढ़ती ताकत को दिखाता है।
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