
Up Kiran , Digital Desk: ओडिशा सरकार ने बुधवार को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के छात्रों के लिए 11.25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का फैसला किया, जिससे राज्य में शिक्षा में कोटा का कुल अनुपात 50 प्रतिशत हो गया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। माझी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल के 11 महीने के भीतर एसईबीसी वर्ग के छात्रों को न्याय दिया है।
एसईबीसी उम्मीदवारों को पहले नौकरियों में आरक्षण (11.25 प्रतिशत) मिल रहा था, लेकिन शिक्षा में कोई प्रावधान नहीं था, जिसके लिए विपक्षी बीजद और कांग्रेस विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह मांग कर रहे थे।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से विश्वविद्यालयों, राज्य सरकार और सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों में एसईबीसी से संबंधित छात्रों के लिए प्रवेश में 11.25 प्रतिशत आरक्षण लागू करना सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय है।
माझी ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार के अधीन संस्थानों में अनुसूचित जनजाति (22.5 प्रतिशत), अनुसूचित जाति (16.25 प्रतिशत), एसईबीसी (11.25 प्रतिशत), विकलांग व्यक्तियों (5 प्रतिशत) और पूर्व सैनिकों (एक प्रतिशत) के छात्रों के लिए प्रवेश में आरक्षण का समान कार्यान्वयन सुनिश्चित करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय एनईपी 2020 के अनुरूप लिया गया है, इस कदम का उद्देश्य पहुँच, समानता और समावेश को बढ़ावा देना, सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाना और ओडिशा में हाशिए पर पड़े और वंचित समुदायों के लिए अवसरों को बढ़ाना है। कैबिनेट ने पाँच अन्य प्रस्तावों को भी मंज़ूरी दी।
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