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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने एक बार फिर अपनी बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया। सिडनी के मैदान पर उन्होंने अपने दमदार शतक से न केवल मैच की तस्वीर बदल दी, बल्कि आलोचकों को भी करारा जवाब दिया। इस शानदार पारी के साथ रोहित ने यह साबित कर दिया कि उम्र बढ़ने के साथ उनकी बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा है और वो वर्ल्ड कप 2027 के लिए भी तैयार हैं।

रोहित का यह शतक सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं था, बल्कि यह उनके आलोचकों और चयनकर्ताओं के लिए भी एक कड़ा संदेश था। खासकर, जब सेलेक्टर अजीत अगरकर और कोच गौतम गंभीर ने उनके भविष्य को लेकर सवाल उठाए थे। इस शतक को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि रोहित शर्मा ने अपने आलोचकों को पूरी तरह से चुप कर दिया है। उन्होंने 105 गेंदों पर शतक पूरा किया और इस दौरान 11 चौके और 2 छक्के लगाए।

ऑस्ट्रेलिया में नया इतिहास

रोहित शर्मा ने सिडनी वनडे में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर विदेशी बल्लेबाजों के बीच सबसे ज्यादा वनडे शतक लगाने का रिकॉर्ड बना लिया। यह शतक उनके लिए खास था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की तेज और उछालभरी पिचों पर रन बनाना हमेशा ही एक चुनौती रहा है। इस शतक के साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 33 पारियों में 6 शतक जड़कर विराट कोहली और कुमार संगकारा को पीछे छोड़ दिया। अब तक कोहली और संगकारा के नाम 5-5 शतक हैं।

सचिन तेंदुलकर से बराबरी

रोहित शर्मा के लिए सिडनी का यह शतक एक और ऐतिहासिक मोड़ था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना 9वां वनडे शतक जड़ा, जिससे वह महान सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर गए हैं। दोनों दिग्गजों के नाम अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9-9 शतक दर्ज हैं। रोहित ने यह रिकॉर्ड सिर्फ 40 पारियों में हासिल किया, जबकि सचिन ने इसे 70 पारियों में हासिल किया था।

सिडनी में आलोचकों को जवाब

रोहित के लिए सिडनी में एक शानदार शतक बनाने से पहले पर्थ वनडे में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। उस मैच में रोहित शर्मा के धीमे शुरुआत ने कई सवाल खड़े किए थे। हालांकि, सिडनी में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी का तरीका बदलकर आलोचकों को चुप करा दिया। उन्होंने मैच में कड़ी पिच पर शानदार शॉट्स लगाए और पावरप्ले का सही इस्तेमाल किया।

50वां शतक: एक और मील का पत्थर

रोहित शर्मा ने इस मैच में अपना 50वां अंतरराष्ट्रीय शतक भी पूरा किया। यह उनके वनडे करियर का 33वां शतक था, जबकि टेस्ट में उनके नाम 12 और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 5 शतक हैं। रोहित ने पारी की शुरुआत से ही अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। उन्होंने अच्छे गेंदों का सम्मान किया, लेकिन जैसे ही मौका मिला, उन्होंने बड़े शॉट्स खेलने में भी कोई संकोच नहीं किया।