
Up Kiran, Digital Desk: केरल के एक हिंदू संगठन ने हाल ही में लाए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस संगठन का नाम है श्री नारायण मानव धर्मम ट्रस्ट। संगठन का तर्क है कि यह नया कानून भारत में मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व को खतरे में डालता है।
क्या है संगठन का आरोप?
श्री नारायण मानव धर्मम ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके इस कानून पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रस्ट का कहना है कि:
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 वक्फ को एक गैर-धार्मिक संस्था (यानी जिसका धर्म से कोई लेना-देना न हो) मानता है।
इस कानून ने वक्फ से जुड़े इस्लामी कानूनों को हटा दिया है और उनकी जगह अपने बनाए हुए नियम लगा दिए हैं।
ट्रस्ट ने इन बदलावों पर अपनी गहरी असहमति जताई है।
कौन है श्री नारायण मानव धर्मम ट्रस्ट?
यह केरल स्थित एक हिंदू संगठन है, जिसकी स्थापना 2023 में हुई थी। यह ट्रस्ट प्रसिद्ध समाज सुधारक और दार्शनिक नारायण गुरु के मूल्यों और शिक्षाओं का अध्ययन और प्रचार-प्रसार करने के लिए बनाया गया था। नारायण गुरु ने केरल में जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ कई आंदोलन किए थे और उन्हें प्रगतिशील सुधार का प्रतीक माना जाता है। जाने-माने वकील डॉ. मोहन गोपाल इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और वही सुप्रीम कोर्ट में ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका का प्रतिनिधित्व भी करेंगे।
कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं!
यह जानना भी जरूरी है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली यह अकेली याचिका नहीं है। इस कानून के खिलाफ अब तक 70 से भी ज्यादा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं।
इनमें कई बड़े राजनीतिक दल जैसे कांग्रेस, AIMIM, IUML, DMK, CPI, CPI(M), आम आदमी पार्टी, YSRCP शामिल हैं। साथ ही, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमात-ए-इस्लामी हिंद और APCR जैसे मुस्लिम संगठन भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं ने वक्फ कानून में संविधान के कुछ अनुच्छेदों (आर्टिकल्स) को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
अगली सुनवाई 15 मई को
फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई टाल दी है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 15 मई को होगी। देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है।
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