सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने के मामले में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. केरल पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने मंदिर के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को गिरफ्तार कर लिया है. मुरारी बाबू पर मंदिर के सोने की हेराफेरी और द्वारपालक (मुख्य देवता) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने के काम में धांधली करने का आरोप है.
सूत्रों के मुताबिक, बाबू को बुधवार देर रात उनके चंगनास्सेरी स्थित घर से हिरासत में लिया गया. इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए तिरुवनंतपुरम अपराध शाखा कार्यालय ले जाया गया. गुरुवार सुबह बाबू के रिश्तेदार भी क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचे, जिसके बाद SIT नेतौर पर उनकी गिरफ्तारी की जानकारी परिवार वालों को दी.
क्या हैं मुरारी बाबू पर आरोप?यह पूरा मामला मंदिर के गर्भगृह (श्रीकोविल) के दरवाजे और द्वारपालक की मूर्तियों में लगे सोने के गायब होने से जुड़ा है. बाबू पर दो मामलों में आरोपी के तौर पर नाम दर्ज है. जानकारी के मुताबिक, 2019 में जब इस मामले के मुख्य आरोपी, उन्नीकृष्णन पोट्टी ने मूर्तियों पर इलेक्ट्रोप्लेटिंग का प्रस्ताव त्रावणकोर देवासम बोर्ड (TDB) को दिया था, तो बाबू ने ही उस प्रस्ताव को यह कहकर आगे बढ़ाया था कि सोने की परतें तांबे की बनी हैं. बताया जा रहा है कि 2025 में भी उन्होंने पोट्टी के ऐसे ही एक और प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था.
इस मामले की शुरुआती जांच TDB विजिलेंस ने की थी, जिसमें बोर्ड के कुछ अधिकारियों की भूमिका पर शक जताया गया था. विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट में बाबू और सात अन्य TDB अधिकारियों द्वारा सोने की परतें मुख्य आरोपी पोट्टी को सौंपने में गंभीर लापरवाही की बात भी कही थी. केरल हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच कर रही SIT ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है.
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