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तमिलनाडु में उत्तर-पूर्वी मॉनसून की दस्तक ने लोगों को सिर्फ चिलचिलाती गर्मी से ही राहत नहीं दी है, बल्कि राज्य के बिजली विभाग के लिए भी यह एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया है.पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से राज्य में बिजली की खपत में भारी कमी देखने को मिली है.
हालात यह हैं कि बिजली की मांग इतनी कम हो गई है कि तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (TNPDCL) को अपने थर्मल पावर प्लांट का उत्पादन लगभग 50% तक घटाना पड़ा है.
आखिर क्यों और कितनी कम हुई बिजली की मांग?
TNPDCL के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि जहां आमतौर पर इन दिनों बिजली की मांग 15,000 मेगावाट के आसपास रहती थी, वहीं बुधवार को यह घटकर सिर्फ 11,651 मेगावाट रह गई. चेन्नई जैसे बड़े शहर में भी, जहां 13 अक्टूबर को बिजली की मांग 3,694 मेगावाट थी, वह एक हफ्ते में 1,000 मेगावाट से ज्यादा घटकर 2,659 मेगावाट पर आ गई.
इस गिरावट के पीछे दो बड़ी वजहें हैं. पहली, लगातार बारिश और मौसम ठंडा होने से शहरी इलाकों में एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल लगभग बंद हो गया है. दूसरी, ग्रामीण इलाकों में भी किसानों को सिंचाई के लिए मोटर पंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ रही है, जिससे खेती-किसानी में इस्तेमाल होने वाली बिजली की मांग भी काफी घट गई है.
इस राहत के मौसम में, जहां थर्मल पावर का उत्पादन घटाया गया है, वहीं बादलों के बीच हल्की धूप खिलने से सौर ऊर्जा का उत्पादन स्थिर बना हुआ है.
कुल मिलाकर, मॉनसून की इस मेहरबानी ने न सिर्फ तमिलनाडु के जल स्रोतों को फिर से भर दिया है, बल्कि बिजली की मांग को कम करके ऊर्जा के बोझ को भी हल्का कर दिया है, जिससे बिजली विभाग ने बड़ी राहत की सांस ली है.