
Up Kiran, Digital Desk: अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने हाल ही में भारतीय वित्तीय क्षेत्र के लिए एक अत्यंत सकारात्मक खबर की घोषणा की है। एजेंसी ने सात प्रमुख भारतीय बैंकों और तीन प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) की लंबी अवधि की जारीकर्ता क्रेडिट रेटिंग (Long-Term Issuer Credit Ratings) को अपग्रेड किया है। यह कदम भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि की गति और देश की वित्तीय संस्थाओं की बढ़ती क्षमता का स्पष्ट संकेत है।
किन वित्तीय संस्थानों को मिला अपग्रेड?
S&P ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा जिन 10 भारतीय वित्तीय संस्थानों की रेटिंग बढ़ाई गई है, वे इस प्रकार हैं:
NBFCs:इन सभी संस्थानों की रेटिंग को "BBB-/Positive/A-3" से बढ़ाकर "BBB/Stable/A-2" कर दिया गया है। यह अपग्रेड इन संस्थानों की वित्तीय स्थिरता, जोखिम प्रबंधन क्षमता और बाजार में उनकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
भारत की संप्रभु रेटिंग में 18 साल बाद पहला अपग्रेड
यह महत्वपूर्ण अपग्रेड सीधे तौर पर भारत की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग (Sovereign Credit Rating) में S&P द्वारा किए गए ऐतिहासिक सुधार से जुड़ा हुआ है। 18 वर्षों में यह भारत की संप्रभु रेटिंग में पहला अपग्रेड है। इससे पहले, S&P ने 2007 में भारत की रेटिंग को निवेश ग्रेड "BBB-" तक बढ़ाया था। मई 2024 में, एजेंसी ने भारत के दृष्टिकोण (Outlook) को 'Stable' से बदलकर 'Positive' कर दिया था, जो देश की आर्थिक संभावनाओं पर एजेंसी के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
S&P का दृष्टिकोण: भविष्य में और मजबूती की उम्मीद
S&P ग्लोबल के अनुसार, भारत की वित्तीय संस्थाएं देश की मजबूत आर्थिक विकास की गति से लाभान्वित होती रहेंगी। एजेंसी उम्मीद करती है कि अगले 12-24 महीनों में भारतीय बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता (Asset Quality) अच्छी बनी रहेगी, लाभप्रदता (Profitability) मजबूत रहेगी और पूंजीकरण (Capitalisation) भी बेहतर होगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों में तनाव की आशंका बनी हुई है, लेकिन समग्र परिदृश्य सकारात्मक रहने की उम्मीद है।
7 संस्थाओं के स्टैंड-अलोन क्रेडिट प्रोफाइल (SACP) में भी हुआ सुधार
सिर्फ जारीकर्ता क्रेडिट रेटिंग ही नहीं, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने सात वित्तीय संस्थानों के स्टैंड-अलोन क्रेडिट प्रोफाइल (SACP) के मूल्यांकन को भी ऊपर उठाया है। इनमें SBI, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, टाटा कैपिटल और L&T फाइनेंस शामिल हैं। SACP किसी कंपनी की अपनी वित्तीय मजबूती और जोखिमों का आकलन करता है, जो रेटिंग एजेंसी द्वारा सीधे सरकार या अन्य बाहरी सहायता पर निर्भरता के बिना दी जाती है। यह उन संस्थाओं की अपनी मजबूत नींव का एक और प्रमाण है।
यह अपग्रेड क्यों महत्वपूर्ण है?
यह घटनाक्रम भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और दर्शाता है कि वैश्विक एजेंसियां भारतीय वित्तीय क्षेत्र की मजबूती को किस तरह से देख रही हैं।
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