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Up Kiran, Digital Desk: कानपुर की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंगलवार शाम जब 6:30 बजे महराजगंज जेल से बाहर निकले, तो उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन यह राहत ज्यादा दिन टिकती नजर नहीं आ रही। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनकी मुश्किलें और बढ़ाने की तैयारी में है।

सिर्फ जमानत नहीं, अब सामने है ईडी की अगली चाल!

इरफान सोलंकी को भले ही कोर्ट से जमानत मिल गई हो, लेकिन उनके खिलाफ ईडी की जांच अब तेज होती जा रही है। जल्द ही ईडी उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने वाली है। आरोप हैं कि सोलंकी के पास उनकी घोषित आय से कहीं अधिक संपत्ति है, जिसकी जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी कानपुर और मुंबई में मौजूद उनकी संपत्तियों को अटैच करने की योजना बना रही है। यानी अब कानूनी पेंच सिर्फ खत्म नहीं, बल्कि और उलझ सकते हैं।

सालों से चल रहा विवाद, जनता की नजरें टिकीं

इरफान सोलंकी को दिसंबर 2022 में जेल भेजा गया था। उन पर कुल 10 केस दर्ज थे, लेकिन सबसे बड़ा मामला कानपुर में एक महिला की जमीन पर कब्जा और आगजनी का था। इस मामले में उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई थी। यही वजह रही कि उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई।

इस घटनाक्रम का असर न सिर्फ राजनीति में बल्कि आम जनता में भी साफ दिखा। जनता के बीच लगातार ये सवाल उठते रहे कि अगर नेताओं पर ऐसे गंभीर आरोप साबित हो जाते हैं, तो उनका सियासी भविष्य क्या होगा?

पत्नी ने संभाला मोर्चा, उपचुनाव में जीत से सपा को राहत

इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी नसीम सोलंकी ने सपा का झंडा बुलंद रखा। उन्होंने जीत हासिल कर पार्टी की पकड़ मजबूत बनाए रखी। इसने यह भी दिखाया कि इरफान के समर्थकों में अब भी उनका असर बरकरार है।