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प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ 2025 को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने महाकुंभ को एक राजनीतिक कुंभ बताते हुए इल्जाम लगाया कि इसे धार्मिक आयोजन के बजाए एक सियासी मंच में तब्दील करने की कोशिश की गई।
योगी को PM पद का चेहरा बनाने की तैयारी का दावा
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दावा किया कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन के पीछे सीएम योगी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की योजना भी शामिल थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि धार्मिक कुंभ नहीं था। BJP इसे एक राजनीतिक कुंभ बनाना चाहती थी। श्रद्धालुओं के लिए नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक मकसदों के लिए ये आयोजन किया गया।
कुप्रबंधन और प्रचार की राजनीति
अखिलेश ने महाकुंभ में भारी कुप्रबंधन का इल्जाम लगाया और आयोजन को एक प्रचार युक्त कार्यक्रम करार दिया। उन्होंने कहा कि "क्या आपने पहले कभी कुंभ के दौरान टीवी चैनलों को साक्षात्कार देते देखा है? इस बार सब कुछ कैमरों के लिए किया गया।"
उन्होंने भगदड़ के दौरान ड्रोन और सीसीटीवी की विफलता को उजागर करते हुए कहा कि उस समय जब निगरानी की सबसे अधिक जरूरत थी, तकनीक ने जवाब दे दिया। साथ ही उन्होंने सरकार पर हताहतों की संख्या को छिपाने और परिजनों पर दबाव बनाने का इल्जाम भी लगाया।
भविष्य के संकेत और राजनीतिक मोर्चाबंदी
अखिलेश यादव ने 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि विपक्षी ‘INDIA’ गठबंधन न केवल बना रहेगा, बल्कि BJP को राज्य से उखाड़ फेंकने का काम करेगा। उन्होंने 'पीडीए' यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वर्गों की एकता की बात करते हुए कहा कि यही वर्ग BJP को जवाब देगा।
उन्होंने BJP पर वक्फ कानून संशोधन के जरिए जमीन कब्जाने का इल्जाम लगाया और पार्टी को ‘भू-माफिया पार्टी’ तक कह डाला। इसके अलावा नोटबंदी और जीएसटी को भी आम लोगों के आर्थिक शोषण के रूप में पेश किया।