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UP News: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने के केंद्र के कदम का विरोध करेगी। पूर्व सीएम ने भाजपा पर मुसलमानों के अधिकार छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

सूत्रों के अनुसार, संशोधन विधेयक, जो वक्फ बोर्डों के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य करेगा, को चालू सत्र में संसद में पेश किया जाना तय है।

प्रस्तावित संशोधन के बारे में पूछे जाने पर यादव ने मीडिया से कहा, ''हम इसके (वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक) खिलाफ होंगे।'' सपा प्रमुख ने कहा, ''भाजपा का एकमात्र काम हिंदुओं और मुसलमानों को बांटना, मुस्लिम भाइयों के अधिकारों को छीनना और संविधान में उन्हें दिए गए अधिकारों को कैसे छीना जाए, इस पर काम करना है।''

सपा प्रमुख ने इल्जाम लगाया कि मोदी सरकार ने पहले एंग्लो-इंडियन के अधिकार छीने थे। उन्होंने आरोप लगाया, "एंग्लो-इंडियन के पास लोकसभा में एक सीट और विधानसभा में एक सीट होती थी। उनका अपना प्रतिनिधित्व था, लेकिन उन्होंने फर्जी जनगणना करवाकर एंग्लो-इंडियन की सीटें छीन लीं।"

अखिलेश ने भूमि विधेयक को लेकर योगी पर निशाना साधा

सपा प्रमुख ने राज्य सरकार द्वारा पेश उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (सार्वजनिक प्रयोजनों के प्रबंधन और उपयोग) विधेयक, 2024 को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा।

यादव ने दावा किया, "देखिए हमारे मुख्यमंत्री कितने बुद्धिमान हैं...उन्होंने पता लगा लिया कि नुजूल एक उर्दू शब्द है। अधिकारी उन्हें समझाते रहे कि नुजूल का मतलब कुछ और है, लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं, नुजूल का मतलब मुसलमानों की जमीन है।"

उन्होंने इल्जाम लगाया, ‘‘सोचिए, यह व्यक्ति सिर्फ उर्दू शब्द नुजूल के कारण पूरे प्रयागराज और गोरखपुर को खाली करा रहा था। गोरखपुर में उसका कुछ निजी हित है या उसके कुछ सहयोगियों का कुछ निजी हित है।’’

राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत विधेयक को उच्च सदन (विधान परिषद) की प्रवर समिति को भेज दिया गया तथा कुछ भाजपा नेताओं के विरोध के कारण इसे पारित नहीं किया जा सका।

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