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Up Kiran , Digital Desk: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का सीजन वैसे तो कई असाधारण घटनाओं का गवाह रहा है — चाहे वह भारत-पाक टकराव के चलते बीच में टूर्नामेंट का रुकना हो या विदेशी खिलाड़ियों का वापस न लौटना। लेकिन इस बीच एक नाम अचानक सुर्खियों में आ गया — मध्य प्रदेश के "मिस्ट्री स्पिनर" शिवम शुक्ला जिन्हें कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) ने वेस्टइंडीज के स्टार खिलाड़ी रोवमैन पॉवेल की जगह टीम में शामिल कर लिया है।

भारत-पाकिस्तान के सैन्य टकराव के कारण आईपीएल को बीच में स्थगित कर दिया गया था। जब टूर्नामेंट दोबारा शुरू हुआ तो कई विदेशी खिलाड़ी — जिनमें पॉवेल और मोईन अली जैसे बड़े नाम शामिल थे — वापस नहीं लौटे। केकेआर जैसी टीमों के लिए यह एक झटका था क्योंकि विदेशी खिलाड़ियों पर उनकी रणनीति काफी हद तक टिकी हुई थी।

पॉवेल जो वेस्टइंडीज के पूर्व टी20 कप्तान रह चुके हैं एक "पावर हिटर" के रूप में टीम के मिडिल ऑर्डर में अहम भूमिका निभाते लेकिन चोट और टीम की प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो जाने के बाद उन्होंने वापसी न करने का फैसला किया।

केकेआर ने इस स्थिति को अवसर में बदला और शिवम शुक्ला जैसे उभरते घरेलू खिलाड़ी को मौका दिया। 2024-25 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा — 8 मैचों में 8 विकेट जिसमें सौराष्ट्र के खिलाफ चार विकेट शामिल हैं।

उनकी सबसे बड़ी खासियत है उनका मिस्ट्री बॉलिंग एक्शन जो उन्हें सईद अजमल जैसा बनाता है — ‘दूसरा’ ‘ऑफ-स्पिन’ ‘टॉप-स्पिन’ जैसी विविधताएं। उनका कद भले छोटा हो लेकिन उनका गेंदबाजी आक्रमण कई बड़े बल्लेबाजों को चौंकाने में सक्षम है।

केकेआर की इस रणनीति के दो उद्देश्य हो सकते हैं

भावी टीम निर्माण की तैयारी

ड्रेसिंग रूम में नई ऊर्जा और प्रयोगवादी सोच का प्रवेश

केकेआर की स्थिति और आगे की संभावनाएँ

केकेआर पहले ही आईपीएल 2025 से बाहर हो चुकी है। ऐसे में टीम का आखिरी मैच सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ एक अवसर है जहां वह युवाओं को आजमाना चाहेगी। शिवम शुक्ला का डेब्यू इस मैच में संभव है और यह उनके लिए करियर बदलने वाला क्षण बन सकता है।

इस चयन से टीम ये संकेत भी दे रही है कि वह सिर्फ स्टार नामों पर निर्भर नहीं रहना चाहती बल्कि उन युवा खिलाड़ियों को तराशना चाहती है जो आगे चलकर कोर टीम का हिस्सा बन सकते हैं — जैसे कि पहले वरुण चक्रवर्ती और सुनील नरेन को तराशा गया।

 

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