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Up Kiran, Digital Desk: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सोने की परत चढ़ाने को लेकर हुआ विवाद अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है।केरल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मामले में धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अब एक केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि इस गंभीर मामले की जांच केरल पुलिस नहीं कर सकती, क्योंकि वह राज्य के मुख्यमंत्री के अधीन आती है उन्होंने इस मुद्दे को "शर्मनाक, अक्षम्य और माफी न करने योग्य पाप" बताया है।

क्या है पूरा मामला: विवाद सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह के द्वारपालकों (Dwarapalaka) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने से जुड़ा है। आरोप है कि साल 2019 में जब इन मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने के लिए सोना दिया गया, तो उसमें करीब साढ़े चार किलो सोने की हेराफेरी हुई। एक व्यक्ति, जो कांग्रेस और CPI-M से करीबी तौर पर जुड़ा बताया जा रहा है, पर आरोप है कि वह सोना लेकर राज्य में घूमता रहा।

राजीव चंद्रशेखर ने सवाल उठाया, “उसे ऐसा करने का अधिकार किसने दिया? जब सबरीमाला का सोना बाहर भेजने की आवश्यकता ही नहीं थी, तो उसे ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया? और साढ़े चार किलो सोना कैसे गायब हो गया?”

सरकार और देवस्वोम बोर्ड पर हमला

भाजपा ने इस मामले के लिए सीधे तौर पर पिनाराई विजयन सरकार और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है। देवस्वोम बोर्ड ही मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा और रखरखाव के लिए जिम्मेदार सरकारी संस्था है चंद्रशेखर ने कहा, "यह सोचना भी मुश्किल है कि मंदिरों और पूजा स्थलों पर भी भ्रष्टाचार हो सकता है।

पार्टी ने देवस्वोम मंत्री और देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की है। अपनी मांगों को लेकर और जनता को सरकार की कथित खामियों के बारे में जागरूक करने के लिए बीजेपी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने का भी ऐलान किया है।

हाई कोर्ट ने दिए हैं SIT जांच के आदेश

इस मामले में केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को ही एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है, जिसका नेतृत्व ADGP एच. वेंकटेश करेंगे। कोर्ट ने SIT को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। लेकिन भाजपा को राज्य की एजेंसियों की जांच पर भरोसा नहीं है। उनका मानना है कि सच्चाई केवल एक स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी की जांच से ही सामने आ सकती है।