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Up Kiran, Digital Desk: हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के लिए वह एक जादुई और ऐतिहासिक पल था, जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सालों के इंतज़ार को ख़त्म करते हुए पहली बार वर्ल्ड कप की चमचमाती ट्रॉफी उठाई। पूरा देश जश्न में डूबा था, हर कोई अपनी टीम की इस शानदार उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा था। लेकिन इस भीड़ में एक चेहरा ऐसा भी था जिसके लिए यह जीत सिर्फ़ एक जीत नहीं, बल्कि एक सपने के सच होने जैसा था, और उस चेहरे पर ख़ुशी के आँसू थे। वह चेहरा था एक्ट्रेस सैयामी खेर का।

c अभिनय की दुनिया में आने से पहले, सैयामी ख़ुद एक तेज़ गेंदबाज़ थीं और महाराष्ट्र के लिए राष्ट्रीय स्तर तक क्रिकेट खेल चुकी हैं। वह भारतीय महिला टीम में जगह बनाने का सपना देखती थीं, लेकिन क़िस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।

मेरे पास शब्द नहीं थे, बस ख़ुशी के आँसू थे

जब भारतीय टीम ने विजयी रन बनाया, तो उस पल को याद करते हुए सैयामी कहती हैं, जैसे ही हमने वर्ल्ड कप जीता, मैं ख़ुशी से रोने लगी। यह एक ऐसा पल था जिसके लिए हम सबने बरसों से दुआ की थी। मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं थे, मेरी आँखों में बस ख़ुशी के आँसू थे। मुझे आज भी वो पल याद है जब हमारी टीम 2017 के फ़ाइनल में बहुत क़रीब आकर हार गई थी उस दिन जो दिल टूटा था, आज वो ज़ख़्म भर गया है।

यह जीत सैयामी के लिए इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि उन्होंने इन खिलाड़ियों को बहुत क़रीब से संघर्ष करते हुए और आगे बढ़ते हुए देखा है। उनका मानना है कि यह सिर्फ़ एक वर्ल्ड कप नहीं है, बल्कि यह जीत देश की लाखों लड़कियों को बल्ला और गेंद उठाने के लिए प्रेरित करेगी।

जब जुनून और सपने एक हो जाते हैं

सैयामी खेर की यह प्रतिक्रिया दिखाती है कि भले ही उन्होंने मैदान छोड़कर कैमरे का सामना करना शुरू कर दिया हो, लेकिन क्रिकेट आज भी उनकी रगों में दौड़ता है। उनका यह भावुक होना सिर्फ़ एक फैन का जश्न नहीं था, बल्कि यह एक खिलाड़ी का उस सपने को पूरा होते देखने की ख़ुशी थी, जिसे कभी उसने भी अपनी आँखों में सजाया था।

यह उन अनगिनत क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं का आईना है जो इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। यह जीत याद दिलाती है कि क्रिकेट भारत में सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि एक जज़्बात है, जो हर किसी को एक साथ ख़ुशी के आँसू रोने पर मजबूर कर सकता है।