डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदू समाज को एकजुट करने का रोडमैप तैयार किया है। इसके लिए सभी जातियों और संप्रदायों को करीब लाने के लिए उनके धर्मगुरुओं को एक मंच पर बुलाकर सामाजिक समरसता के कार्यक्रम जोर-शोर से कराए जाएंगे। प्रदेश के सभी जिलों में यह आयोजन बसंत पंचमी से शुरू हो जाएगा। इसके लिए संघ एक कुंआ, एक मंदिर और एक शमसान मुहीम भी शुरू करेगा।
संघ के इन कार्यक्रमों में क्षेत्रीय साधु-संतों के साथ ही सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर आदि शामिल होंगे। मध्यप्रदेश में होने वाले कार्यक्रम में महामंडलेश्वर अवेशानंद गिरी, पंडित प्रदीप मिश्रा, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री और बाबा रामदेव आदि शामिल होंगे। आरएसएस ने लोकसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश समेत सभी राज्यों में संत-समागम का कार्यक्रम रखा है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में हिंदू एकता का माहौल बना है। तैयार बना है। इसी हिंदू एकता की अलख जगाए रखने के लिए संत-समागम की मुहिम शुरू की गयी है। इसके साथ ही आगामी दो से तीन माह तक विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा गांव-गांव से लोगों को अयोध्या दर्शन कराने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। इन सभी कार्यक्रमों में संघ की भूमिका अहम है।
ध्यातव्य है कि संघ की समन्वय बैठक में इस बार यह मंथन हुआ कि जिस तरह से अयोध्या में कारसेवा के लिए जाति-संप्रदाय भुलाकर हिंदू समाज एकजुट हुआ था। उसी तरह से एकबार फिर से संपूर्ण हिन्दू समाज को एकजुट किया जाए। संघ इसके लिए एक कुआं-एक मंदिर और एक श्मशान जैसे कार्यक्रम पहले से ही चला रहा है।
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