Up kiran,Digital Desk : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लेते हुए, घर-घर पानी पहुंचाने वाली जल जीवन मिशन योजना में हुए कथित घोटाले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस बार जांच के घेरे में कोई छोटे-मोटे कर्मचारी नहीं, बल्कि PHED के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) समेत 6 बड़े अधिकारी आ गए हैं।
फर्जी टेंडर, मिलीभगत... और अब जांच
सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई पारदर्शिता और जीरो टॉलरेंस की नीति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद इन अधिकारियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी टेंडर निकालने, ठेकेदारों से मिलीभगत करने और भ्रष्टाचार में अहम भूमिका निभाई थी।
यह मंजूरी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी बड़ी जांच एजेंसियां इन अधिकारियों से सीधे पूछताछ और अपनी जांच को आगे बढ़ा पाएंगी।
सिर्फ ACS ही नहीं, कई और भी लपेटे में
जांच की आंच सिर्फ पूर्व ACS तक ही सीमित नहीं है। जिन अधिकारियों पर गाज गिरी है, उनमें चीफ इंजीनियर, सुपरिटेंडिंग इंजीनियर से लेकर टेंडर का मूल्यांकन करने वाले टेक्निकल सदस्य तक शामिल हैं, जिससे पता चलता है कि यह कथित घोटाला कितनी गहराई तक फैला हुआ है।
इतना ही नहीं, सरकार ने एक अन्य IAS अधिकारी के खिलाफ भी अपने काम में अनियमितता बरतने के आरोप में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दे दी है। सरकार ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार के इस कदम ने प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है और यह एक साफ संदेश है कि नई सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कितनी सख्त है।
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