
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रख्यात न्यायविद और कई जजों के गुरु रहे एम.के. विजय कुमार का शुक्रवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
परिवार के सदस्यों के अनुसार, विजय कुमार को शुक्रवार सुबह कारकला स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ा। उन्हें तुरंत रोटरी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके परिवार में दो बेटे हैं।
एक वकील, जो पर्यावरण के लिए भी लड़ा
एम.के. विजय कुमार को कर्नाटक में न सिर्फ उनकी तेज-तर्रार वकालत के लिए, बल्कि पर्यावरण और जनहित के मुद्दों के प्रति उनके गहरे समर्पण के लिए भी बेहद सम्मान दिया जाता था। वह एक ऐसे योद्धा वकील थे जिन्होंने अपनी कानूनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल समाज की भलाई के लिए किया।
उन्हीं की कानूनी लड़ाई का नतीजा था कि कारकला में पवित्र बाहुबली बेट्टा (पहाड़ी) के पांच किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोक लगाने का आदेश जारी हुआ। इसके अलावा, 1990 के दशक के अंत में, उन्होंने अमेरिका स्थित कोजेंट्रिक्स थर्मल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ कानूनी लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई थी।
जजों और राज्यपाल के भी 'गुरु'
एक वकील के तौर पर तो वह महान थे ही, लेकिन एक शिक्षक और गुरु के रूप में भी उनका कद बहुत ऊंचा था। उनके मार्गदर्शन में पढ़े कई छात्र आज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जज के पदों पर आसीन हैं।
इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, जो खुद विजय कुमार के शिष्य रह चुके हैं। अपने गुरु के निधन की खबर सुनकर जस्टिस नजीर शनिवार को विशेष रूप से कारकला पहुंचे और अपने पूर्व शिक्षक और गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका जाना कर्नाटक के कानूनी और राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।