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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में अगले विधानसभा चुनाव का माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका है, और हर एक बड़ी पार्टी अपनी रणनीति को फाइनल करने में लगी है। सत्ता पाने की इस दौड़ में सबसे आगे चल रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी अपने पत्ते तेज़ी से खोल रही है। ख़ासकर सीट बंटवारे (Seat-Sharing Tussle) को लेकर चल रहे तनाव और खींचातानी को सुलझाने के लिए बीजेपी कोर ग्रुप (BJP Core Group) की एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

यह बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर हुई, जिसमें बिहार चुनाव (Bihar Elections) से जुड़े पार्टी के कई शीर्ष नेता शामिल थे।

इस बैठक का असल एजेंडा क्या था?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह की कोर ग्रुप मीटिंग का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि किसी भी प्रकार की आंतरिक खींचतान को तुरंत ख़त्म किया जाए और चुनाव में एकता के साथ उतरा जाए। सीट शेयरिंग एक बहुत पेचीदा मुद्दा है। यहाँ दो तरह की रणनीति पर बातचीत होती है:

गठबंधन धर्म: अगर बीजेपी किसी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है (जैसे जेडीयू के साथ), तो गठबंधन के सहयोगी दलों को उनकी 'विनिबिलिटी' (Winnability) और बाज़ार में उनकी मौजूदा 'ताक़त' के आधार पर सीटें देना।

इंटरनल एडजस्टमेंट: पार्टी के भीतर कई बड़े नेता होते हैं, जो एक ही सीट पर अपना या अपने चहेते का टिकट चाहते हैं। ऐसे में जे. पी. नड्डा (J. P. Nadda) और अन्य बड़े नेता यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी उम्मीदवार के बीच बिना कोई बड़ी दरार के, सभी सीटों को एडजस्ट किया जाए।

यह बैठक इस बात का साफ संकेत है कि बीजेपी बिहार चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में टिकट वितरण (Ticket Distribution) से जुड़े कई अहम फैसले लिए जा चुके होंगे, जिन पर बहुत जल्द मुहर लगा दी जाएगी। अब सबको इंतज़ार उस फाइनल लिस्ट का है, जो बताएगी कि इस रणनीति में कौन से उम्मीदवार शामिल होने वाले हैं।