
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को लेकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल तेज हो गई है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में एक अहम बयान देते हुए कहा कि अमेरिका के साथ कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद यूक्रेन संकट को लेकर दोनों देशों के बीच कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी है।
अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार है रूस
लावरोव का यह बयान उस समय आया है जब यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई और भी तेज हो गई है। एक इंटरव्यू में लावरोव ने यह स्पष्ट किया कि रूस अमेरिका के साथ बातचीत को जारी रखने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस को अमेरिकी नेतृत्व में एक बड़ा अंतर दिखाई देता है—वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों में।
लावरोव के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन यूक्रेन संकट के मूल कारणों को समझने की कोशिश कर रहा था, जबकि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन इस संघर्ष के राजनीतिक और सैन्य आयामों पर ही फोकस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप इस मामले की तह में जाना चाहते थे, जो रूस के दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संकेत था।
रूस की नाटो को चेतावनी
इस बीच, रूस के खुफिया प्रमुख सर्गेई नारिश्किन ने नाटो देशों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि पोलैंड और बाल्टिक देशों—लातविया, लिथुआनिया, और एस्तोनिया—ने अपनी सैन्य गतिविधियां नहीं रोकीं, तो रूस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी। नारिश्किन ने दावा किया कि नाटो यदि रूस और बेलारूस के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाता है, तो इसका सबसे बड़ा खामियाजा पोलैंड और इन बाल्टिक देशों को भुगतना पड़ेगा।
पोलैंड की योजना पर रूस की प्रतिक्रिया
नारिश्किन ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पोलैंड, रूस और बेलारूस की सीमा के नजदीक करीब 20 लाख एंटी-टैंक माइंस बिछाने की योजना बना रहा है। यह सैन्य तैयारी रूस को उकसाने वाला कदम माना जा रहा है, जिस पर रूस ने सख्त आपत्ति जताई है।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन को रूस जैसे कहीं बड़े और शक्तिशाली देश के खिलाफ युद्ध शुरू करने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए था। उनका कहना था, "आप बीस गुना बड़े देश के खिलाफ युद्ध नहीं छेड़ सकते और फिर उम्मीद करें कि बाकी देश मिसाइलें भेजें।"
यूक्रेन में हालात गंभीर, सूमी पर हमला
इस बीच यूक्रेन के सूमी शहर पर हुए रूसी मिसाइल हमले ने युद्ध की भयावहता को और उजागर कर दिया है। इस हमले में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और युद्धविराम की संभावनाएं फिलहाल क्षीण नजर आ रही हैं।
इस घटनाक्रम से साफ है कि रूस और अमेरिका के बीच भले ही बातचीत हो रही हो, लेकिन जमीन पर संघर्ष थमता नजर नहीं आ रहा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह एक बड़ा संकट है, जिसका समाधान निकट भविष्य में होता नहीं दिख रहा।