
Up Kiran, Digital Desk: न्यूजीलैंड की संसद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते और खतरनाक दुरुपयोग को लेकर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक महिला सांसद ने AI तकनीक का इस्तेमाल करके बनाई गई अपनी ही एक आपत्तिजनक (कथित तौर पर नग्न) तस्वीर सदन के सामने प्रदर्शित की। उनका मकसद यह दिखाना था कि कैसे AI टूल्स का उपयोग करके चंद सेकंड में किसी की भी ऐसी अश्लील या अपमानजनक छवियां बनाना कितना आसान और तेज़ हो गया है।
सांसद ने दिखाया कि कैसे बिना किसी की सहमति के, उसकी वास्तविक छवि या जानकारी के आधार पर AI द्वारा अत्यधिक यथार्थवादी (realistic) आपत्तिजनक तस्वीरें बनाई जा सकती हैं। उन्होंने इन 'डीपफेक' (Deepfake) और 'गैर-सहमति से बनाई गई अंतरंग छवियों' (Non-Consensual Intimate Images - NCII) के बढ़ते खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो व्यक्तियों, खासकर महिलाओं और सार्वजनिक हस्तियों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।
संसद में यह प्रदर्शन AI तकनीक के विनियमन (regulation) और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कानूनों और सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता पर बहस छेड़ता है। सांसद का यह कदम इस समस्या की गंभीरता को उजागर करने और नीति निर्माताओं को इस पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने का एक साहसिक तरीका था।
उन्होंने अपने प्रदर्शन के बाद कहा कि "सोचिए, यह कितना आसान है" और इस बात पर जोर दिया कि यह खतरा अब काल्पनिक नहीं बल्कि एक वास्तविक और तेज़ी से फैलने वाली चुनौती है जिसका सामना समाज को करना पड़ रहा है।
यह घटना न केवल न्यूजीलैंड के लिए बल्कि दुनिया भर के देशों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि AI के विकास के साथ-साथ इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों, विशेष रूप से ऑनलाइन सुरक्षा, निजता (privacy) और व्यक्तिगत गरिमा पर इसके असर से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
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