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severe storm: नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने सोलर तूफान के खतरे का अलर्ट जारी किया है, जो सैटेलाइट्स, पावर ग्रिड, और स्पेस स्टेशन को प्रभावित कर सकता है।

साइंटिस्टों का कहना है कि सूर्य से तीन कोरोनल मास इजेक्शन (CME) पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं, जिनमें से एक अत्यधिक शक्तिशाली है। इन CME के कारण भयानक भू-चुंबकीय तूफान जन्म ले सकते हैं, जो रेडियो सिग्नल, जीपीएस, और इलेक्ट्रिक डिवाइस को बाधित कर सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो  ये तूफान 1,000 किमी/सेकंड की गति से आगे बढ़ रहा है और अगले दो से पांच दिनों में पृथ्वी से टकरा सकता है। पहले भी सौर तूफानों ने विश्व भर में प्रभावित किया है, जैसे 1989 में कनाडा में पूरी तरह बिजली की आपूर्ति ठप हो गई थी और सन् 1859 में अमेरिका में शक्तिशाली सौर तूफान देखा गया था। इस तूफान का असर रेडियो सिग्नल, मौसम के अनुमान और संचार पर पड़ सकता है।

बता दें कि इस तरीके के तूफानों को जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म के नाम से भी जाना जाता है। ये दुनिया के सभी इलेक्ट्रिक डिवाइस को बंद कर सकता है और इन इलेक्ट्रिक डिवाइसों को चलाने में काफी समस्या भी हो सकती है। स्पेस में पृथ्वी का चक्कर लगा रहे सेटेलाइट पर इनका बहुत अधिक असर होता है जिससे डाटा कलेक्शन में समस्या आ जाती है।

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