पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दिल्ली से लेकर पटना तक सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, और चिराग पासवान की LJP (रामविलास) ने अपनी-अपनी गोटियां सेट करनी शुरू कर दी हैं, जिससे बिहार की राजनीति एक दिलचस्प मोड़ पर आ गई है।
अमित शाह ने फूंका चुनावी बिगुल, NDA में सीट शेयरिंग पर सस्पेंस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज पटना में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए 2025 के लिए एनडीए का चुनावी बिगुल फूंक दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की जमकर तारीफ की और कहा कि एनडीए बिहार में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा। हालांकि, जब उनसे सीटों के बंटवारे को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "यह कोई मुद्दा नहीं है, हम सब साथ हैं और सही समय पर इसका फैसला हो जाएगा।" शाह के इस बयान के बाद भी NDA में चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच सीटों को लेकर खींचतान की खबरें गर्म हैं।
महागठबंधन में दरार? तेजस्वी यादव ने दिए अकेले लड़ने के संकेत
उधर, महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक बयान देकर खलबली मचा दी है कि आरजेडी अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के बीच बेचैनी बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तेजस्वी अब नीतीश कुमार की तरह किसी के "छोटे भाई" बनकर नहीं रहना चाहते और खुद को मुख्यमंत्री पद का एकमात्र दावेदार साबित करना चाहते हैं।
नीतीश की चुप्पी और चिराग का 'बिहार फर्स्ट'
इस पूरी उठापटक के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी साध रखी और "न्याय के साथ विकास" के अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं। वहीं, चिराग पासवान 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के अपने नारे के साथ युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। वह लगातार कह रहे उनका गठबंधन सिर्फ उसी के साथ होगा जो बिहार के विकास के उनके विजन को मानेगा।
कुल मिलाकर, बिहार का सियासी मैदान सज चुका। एक तरफ जहां NDA अपनी एकता दिखाने की कोशिश कर रहा है, वहीं महागठबंधन में बिखराव के संकेत मिल रहे हैं। आने वाले कुछ महीने यह तय करेंगे कि बिहार का अगला ताज किसके सिर पर सजेगा।
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