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अनंतनाग मुठभेड़ से पहले जम्मू के राजौरी में भी एक एनकाउंटर हुआ था, जिसमें भारतीय जवानों ने दो दहशतगर्दों को मार गिराया था। मगर एनकाउंटर के दौरान फौज के जवान रवि कुमार शहीद हो गए थे। 63 राष्ट्रीय राइफल्स के शहीद राइफलमैन रवि की दिसंबर में शादी होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, मगर किस्मत में कुछ और ही लिखा था।

13 सितंबर को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर उनके गांव पहुंचा। अब उनके घर के साथ पूरे इलाके में मातम है। सबसे ज्यादा बुरा हाल उनकी मंगेतर सविता का है। देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीद रवि के पिता सुभाषचंद्र ने बताया कि रवि छुट्टी खत्म कर 28 अगस्त को ही ड्यूटी पर लौटा था। अब तिरंगे में लिपटा घर आया।

वहीं शहीद रवि की मंगेतर सविता भी दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं। समाचार चैनल से बात करते हुए सविता ने कहा कि रवि बहुत अच्छे थे। अपनी मां से सबसे ज्यादा प्यार करते थे। वो इतने अच्छे थे कि उनके बारे में बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मुझे उन पर गर्व है। मगर जाते जाते वो सब कुछ ले गए। उनके लिए मेरे से भी ऊपर उनके पैरंट्स रहे और मैं यहीं रहूंगी। मैं उनका वेट करूंगी और जब वो बुलाएंगे तो उनके पास चली जाऊंगी। 

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