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Up Kiran, Digital Desk: आश्विन या शरद पूर्णिमा इस बार 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। यह पूर्णिमा तिथि दोपहर 12:23 बजे शुरू होगी और अगले दिन 7 अक्टूबर को सुबह 9:16 बजे समाप्त होगी।
चंद्र पूजा और व्रत का समय: 6 अक्टूबर, सोमवार को शाम 5:26 बजे से
त्योहार और जयंती: परंपरा अनुसार 7 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जाएंगी।
6 अक्टूबर 2025 को व्रत और पूजा विधि
स्नान और संकल्प: सुबह गंगाजल या किसी पवित्र जल से स्नान करें और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत का संकल्प लें।
कलश स्थापना और गणेश पूजा: घर में कलश रखें और गणपति की विधिवत पूजा करें।
शाम को चंद्र पूजा: चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को जल, फूल और दीपक से अर्घ्य अर्पित करें।
खीर की परंपरा: दूध और चावल से बनी खीर चांदनी में रखें। यह औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है।
सत्यनारायण पूजा: कुछ घरों में भगवान विष्णु की कथा और पूजा भी की जाती है।
7 अक्टूबर 2025: मुख्य त्यौहार और जयंती
हालांकि व्रत और पूजा 6 अक्टूबर को होती है, लेकिन 7 अक्टूबर को कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाएंगे:
वाल्मीकि जयंती: रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिन।
मीरा बाई जयंती: कृष्णभक्त कवियित्री मीरा की भक्ति का उत्सव।
कोजागरी लक्ष्मी पूजा: बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र में रातभर देवी लक्ष्मी की आराधना।
सत्यनारायण कथा: भगवान विष्णु की कथा सुनने से परिवार में सुख-शांति आती है।
रास पूर्णिमा: ब्रज और वृंदावन में राधा-कृष्ण की रासलीला का आयोजन।
शरद पूर्णिमा की खीर क्यों होती है खास?
इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि उसकी चांदनी में औषधीय गुण होते हैं।
स्कंद पुराण के अनुसार, चंद्रमा से अमृत तुल्य किरणें निकलती हैं जो शरीर को रोगमुक्त बनाती हैं। इसलिए इस रात दूध-चावल की खीर को चांदनी में रखकर सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
आध्यात्मिक महत्व
पापों का नाश: इस दिन व्रत और पूजा करने से मन शुद्ध होता है और पाप कटते हैं।
धन और सुख: देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
रासलीला स्मरण: कृष्ण की रासलीला की रात के रूप में भी इसे याद किया जाता है।
भक्ति और शांति: यह दिन भक्ति और ध्यान के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. अक्टूबर 2025 में शरद पूर्णिमा कब है?
6 अक्टूबर (दोपहर 12:23 बजे से) लेकर 7 अक्टूबर (सुबह 9:16 बजे तक)।
Q2. व्रत और चंद्र पूजा कब करें?
6 अक्टूबर, सोमवार को चंद्रोदय के बाद शाम 5:26 बजे से।
Q3. खीर चांदनी में क्यों रखी जाती है?
माना जाता है कि चंद्रमा की सोलह कलाएं उस खीर को औषधीय गुण देती हैं।
Q4. कौन-कौन से त्योहार पड़ते हैं?
वाल्मीकि जयंती, मीरा बाई जयंती, कोजागरी लक्ष्मी पूजा, सत्यनारायण कथा, रास पूर्णिमा।