Up Kiran, Digital Desk: देश के विशाल भाग में तीव्र सर्दी और शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर भारत के प्रदेश जैसे राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में भयंकर ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार आगामी कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है। बढ़ती सर्दी न केवल रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रही है। आइए समझते हैं कि इस मौसम में कौन सी बीमारियां बढ़ती हैं और किन सावधानियों की आवश्यकता है।
शीतलहर में होने वाली प्रमुख बीमारियां
अत्यधिक ठंड हमारे शरीर के सुरक्षा तंत्र (Immunity) को कमजोर कर देती है, जिससे निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
श्वसन संबंधी समस्याएं: जुकाम, खांसी, फ्लू और गले में जलन आम समस्याएं हैं। अस्थमा और COPD के रोगियों के लिए सांस लेना और भी कठिन हो जाता है।
हृदय रोग का खतरा: ठंड में रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप (High BP) बढ़ जाता है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
जोड़ों का दर्द: ठंड के कारण गठिया (Arthritis) और जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
हाइपोथर्मिया: जब शरीर का तापमान 35°C से नीचे गिर जाता है, तो यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। इसे हाइपोथर्मिया कहा जाता है।
किन्हें है सबसे ज्यादा खतरा?
Cold Wave Alert 2025 के दौरान इन व्यक्तियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए:
बुजुर्ग और बच्चे: इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और शरीर तापमान को जल्दी से संतुलित नहीं कर पाता।
दीर्घकालिक रोगी: दिल की बीमारियों, मधुमेह (Diabetes) और अस्थमा से पीड़ित लोग।
गर्भवती महिलाएं: ठंड का असर इनकी और शिशु की सेहत पर पड़ सकता है।
मजदूर और बेघर लोग: वे लोग जो लंबे समय तक खुले आकाश के नीचे या बाहर काम करते हैं।
खुद को सुरक्षित रखने के प्रभावी उपाय
सर्दी से बचने के लिए विशेषज्ञ कुछ सरल और महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं:
लेयरिंग करें: एक मोटे कपड़े के बजाय कई परतों (Layers) में ऊनी कपड़े पहनें। सिर को टोपी से और पैरों को मोजों से ढकना न भूलें।
खानपान पर ध्यान दें: अपने आहार में तिल, अदरक, लहसुन और हल्दी वाला दूध शामिल करें। सूप और ताजे बने गर्म खाने से शरीर को अंदर से गर्मी मिलती है।
हाइड्रेशन: पानी की कमी से बचने के लिए, प्यास न लगे तब भी गुनगुना पानी पीते रहें।
धूप का सेवन: सुबह की हल्की धूप विटामिन D प्रदान करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
बाहर जाने से बचें: कोहरे और अत्यधिक ठंड में (सुबह और देर रात) बाहर न निकलें।
कब लें डॉक्टर की सलाह?
यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को निम्नलिखित लक्षण महसूस हों, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें:
सांस की समस्या या छाती में तीव्र दर्द।
लगातार और तेज खांसी।
शरीर का अत्यधिक ठंडा पड़ना या कांपना बंद न होना।
अचानक आलस्य या बोलने में कठिनाई।




