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Up Kiran , Digital Desk: भारत सरकार ने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करने की रणनीति के तहत "ऑपरेशन सिंदूर" को वैश्विक स्तर पर उठाने की तैयारी कर ली है। इसके तहत केंद्र सरकार ने सत्तापक्ष और विपक्ष के लगभग 40 सांसदों को मिलाकर सात प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है, जो विभिन्न देशों की यात्रा पर भेजे जाएंगे।
इस बहुपक्षीय प्रयास का मकसद है दुनिया के सामने यह स्पष्ट करना कि भारत आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है — और पाकिस्तान इसमें एक "प्रायोजक देश" के रूप में निरंतर उजागर होता जा रहा है।
शशि थरूर को नेतृत्व सौंपने पर चर्चा
इस अभियान में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर को एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा गया है — जबकि कांग्रेस पार्टी की ओर से भेजी गई औपचारिक सूची में उनका नाम शामिल नहीं था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा साझा की गई सूची में आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार जैसे नाम थे, मगर थरूर का जिक्र नहीं था।
हालांकि कुछ ही घंटों में शशि थरूर ने स्वयं एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए पुष्टि की कि केंद्र सरकार ने उन्हें एक दल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी है।
शशि थरूर ने पोस्ट में कहा कि हालिया घटनाओं के संदर्भ में भारत का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने हेतु भारत सरकार के विश्वास के लिए मैं सम्मानित महसूस करता हूं। जब भी राष्ट्रीय हित में मेरी आवश्यकता हो, मैं तैयार हूं।
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