
Up Kiran, Digital Desk: लोकसभा चुनावों के बाद 'वोट चोरी' को लेकर चल रहे विवाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग (EC) पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस को हराने के लिए दोनों के बीच सांठगांठ की गई थी, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. राहुल गांधी के इन नए आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर बहस फिर से तेज हो गई है.
राहुल गांधी ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि चुनाव में धांधली की गई थी, और यह सिर्फ ईवीएम (EVM) से संबंधित मामला नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक व्यापक साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर कांग्रेस को चुनाव में कमजोर करने और उसे हराने की कोशिश की. हालांकि, राहुल गांधी ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किए, लेकिन उनके बयान ने विपक्ष को सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधने का एक और मौका दे दिया है.
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी या अन्य विपक्षी नेताओं ने चुनावी प्रक्रिया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. विपक्षी दल लंबे समय से ईवीएम की विश्वसनीयता और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता व्यक्त करते रहे हैं. इन आरोपों का आधार मतदान के पैटर्न, वोटों की गिनती में कथित अनियमितताएं और चुनावी प्रक्रिया में कथित हेरफेर रहे हैं.
दूसरी ओर, भाजपा और चुनाव आयोग लगातार इन आरोपों को निराधार बताते रहे हैं. चुनाव आयोग ने कई बार ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय बताया है, और दावा किया है कि इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं है. भाजपा का कहना है कि विपक्ष अपनी हार को पचा नहीं पा रहा है और अपनी विफलताओं का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ रहा है.
राहुल गांधी के इन ताजा आरोपों से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर बहस और गहरी हो गई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और भाजपा इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और भविष्य में चुनावी सुधारों को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं ताकि जनता का विश्वास बना रहे.
--Advertisement--