img

Up Kiran, Digital Desk: भारतीय राजनीति में वंशवाद का मुद्दा दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है और यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। हाल ही में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वंशवाद की राजनीति पर जोरदार टिप्पणी की, जिस पर सियासी हलकों में हंगामा मच गया है। शहजाद पूनावाला, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता, ने थरूर के बयान का जवाब देते हुए उन्हें "खतरों के खिलाड़ी" करार दिया और कहा कि अब थरूर का क्या अंजाम होगा, यह देखने वाली बात होगी।

राजनीतिक वंशवाद की चिंता

शशि थरूर का कहना है कि भारतीय राजनीति में अब वंशवाद की बजाय योग्यता पर आधारित नेतृत्व की आवश्यकता है। उनका मानना है कि जब राजनीति में योग्यता, समर्पण और जनजुड़ाव की बजाय केवल वंशावली को देखा जाता है, तो न केवल शासन की गुणवत्ता गिरती है, बल्कि यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन जाता है।

थरूर ने विशेष रूप से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम, तृणमूल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी प्रमुख पार्टियों का हवाला दिया और बताया कि इन पार्टियों में वंशवाद एक सामान्य परंपरा बन चुकी है।

वंशवाद से दूर होने की जरूरत

थरूर का कहना था, "जब राजनीति में सिर्फ सरनेम (उपनाम) के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है, तो इससे न केवल शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि यह आम लोगों की समस्याओं से नकारात्मक रूप से जुड़ता है। ऐसे उम्मीदवार, जो केवल परिवार की राजनीति का हिस्सा होते हैं, वे वास्तविक जनता की समस्याओं को समझने में असमर्थ होते हैं।"

राजनीतिक परिवारों के नतीजे

थरूर ने यह भी कहा कि राजनीतिक परिवारों के सदस्य उन चुनौतियों से बचने में सक्षम होते हैं, जिनका सामना आम नागरिकों को करना पड़ता है। ऐसे में, वे जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा, इन नेताओं के खराब प्रदर्शन के बावजूद, उन्हें कभी भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया नहीं जाता है। यह न केवल राजनीति के लिए बल्कि पूरे देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए नुकसानदायक है।

शहजाद पूनावाला की चेतावनी

पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस विषय पर थरूर के लेख को साझा करते हुए कहा, "यह लेख भारतीय राजनीति के पारिवारिक व्यवसाय में बदलने पर एक सटीक टिप्पणी है। डॉ. थरूर ने सीधे तौर पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे 'नेपो किड्स' पर हमला किया है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बयान के बाद थरूर का क्या अंजाम होगा, यह देखना होगा।

पूनावाला ने आगे कहा, "जब मैंने 2017 में राहुल गांधी को 'नेपो किड' कहा था, तो मुझे इसके नतीजे भुगतने पड़े थे। अब डॉ. थरूर ने भी इस मुद्दे पर बोलकर खुद को खतरों के खिलाड़ी बना लिया है।" उन्होंने थरूर को चेतावनी देते हुए कहा कि "राजनीतिक परिवार बहुत प्रतिशोधी होते हैं।"