img

Up Kiran, Digital Desk: गोवा का अरपोरा क्षेत्र पर्यटकों के लिए मनोरंजन का केंद्र माना जाता है। यहां स्थित प्रसिद्ध नाइटक्लब बर्च बाय रोमियो लेन में हाल ही में लगी भयानक आग ने पूरे पर्यटन सेक्टर को झकझोर दिया। यह हादसा महज एक क्लब की कहानी नहीं बल्कि गोवा के रात्री जीवन में सुरक्षा की कमी को उजागर करता है। गाजियाबाद और दिल्ली से आए एक परिवार के चार सदस्यों की मौत ने सवाल खड़े कर दिए कि क्या ऐसे स्थानों पर पर्यटकों की जान सुरक्षित है। एकमात्र बची सदस्य भावना जोशी अब इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रही हैं।

परिवार की छुट्टियों का दुखद अंत

यह परिवार बागा के एक होटल में रुका था और शनिवार रात क्लब में घूमने गया। संगीत और मस्ती के माहौल में प्रवेश करने के थोड़े समय बाद ही आग फैल गई। चारों ओर धुंध और लपटों ने अफरा-तफरी पैदा कर दी। भावना के पति विनोद कुमार ने तुरंत उन्हें मुख्य द्वार की तरफ धकेला और वे बाहर निकल सकीं। लेकिन विनोद ने रुकना मंजूर नहीं किया। वे अपनी तीन साली अनिता सरोज और कमला को बचाने के लिए वापस अंदर चले गए। दुर्भाग्य से आग ने उन्हें और बहनों को घेर लिया।

साहस की अनोखी मिसाल

विनोद का यह कदम गोवा के पर्यटन इतिहास में साहस की नई परिभाषा गढ़ता है। उन्होंने अपनी पत्नी को पहले बचाया फिर दूसरों की मदद के लिए लौटे। बाहर भावना ने कई बार फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब शव बाहर लाए गए तो विनोद के हाथ में फोन था जिसमें भावना का आखिरी कॉल बज रहा था। यह दृश्य पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बन गया और सवाल उठा कि क्या क्लब प्रबंधन ने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए थे।

परिवार और समाज पर गहरा असर

यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं बल्कि पूरे समाज पर असर डालती है। रिश्तेदार रातों-रात गोवा पहुंचे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से पता चलता है कि घर पर बच्चे वापसी का इंतजार कर रहे हैं। परिजनों ने बच्चों को अभी पूरी सच्चाई नहीं बताई सिर्फ दो मौसियों की मौत और दो के लापता होने की बात कही। शवों को गांव ले जाने की तैयारी है। एक रिश्तेदार ने जली हुई तस्वीर दिखाते हुए बताया कि शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। भावना अब अकेली हैं और बच्चों को सच्चाई बताने का बोझ उन पर है। यह हादसा गोवा आने वाले परिवारों को सतर्क करता है।