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Up Kiran, Digital Desk: ओवल टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय टीम ने न सिर्फ इंग्लैंड पर मैच में पकड़ मजबूत की, बल्कि मैदान से बाहर भी एक भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण सामने आया जिसने खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया। जहां एक ओर टीम इंडिया ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को 374 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, वहीं मैच समाप्ति के बाद पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कप्तान शुभमन गिल को एक यादगार तोहफा देकर खेल की आत्मा को जीवंत कर दिया।

गावस्कर का इमोशनल जेस्चर—एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक

शुभमन गिल ने इस टेस्ट सीरीज़ में लगातार शानदार प्रदर्शन किया और कुल 754 रन बनाए। वे भले ही गावस्कर के 1971 में बनाए गए 774 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाए, लेकिन जिस निरंतरता और आत्मविश्वास के साथ उन्होंने बल्लेबाजी की, उसने सभी को प्रभावित किया। इसी सराहना के तहत गावस्कर ने गिल को एक हस्ताक्षरित टोपी और टी-शर्ट भेंट की, जो उन्होंने बेहद चुनिंदा खिलाड़ियों को ही दी है।

गावस्कर ने भावुक होकर कहा, "यह टोपी बहुत कम खिलाड़ियों को दी जाती है। यह केवल सम्मान नहीं, बल्कि क्रिकेट की एक विरासत है।" यह पल भारतीय क्रिकेट में उस परंपरा को दिखाता है जिसमें अनुभव और युवा जोश का मिलन होता है।

मैच का हाल: भारत की पकड़ मजबूत, इंग्लैंड पर दबाव

मैदान की बात करें तो भारत ने अपनी दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी की। यशस्वी जायसवाल की 118 रनों की संयमित पारी के साथ-साथ आकाश दीप (66 रन), रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर (दोनों 53 रन) ने भारत को 396 रनों के स्कोर तक पहुंचाया। इसके चलते इंग्लैंड को चौथी पारी में जीत के लिए 374 रन बनाने का कठिन लक्ष्य मिला।

हालांकि इंग्लैंड की शुरुआत लड़खड़ाई। तीसरे दिन के खत्म होने तक ओपनर जैक क्रॉली महज़ 14 रन बनाकर आउट हो चुके थे और इंग्लैंड अब भी 324 रन पीछे है। भारत को जीत के लिए बस आठ विकेट और निकालने हैं।

गेंदबाजी में भी दिखा संतुलन

वहीं इंग्लैंड की ओर से जोश टंग ने सबसे प्रभावी प्रदर्शन किया और पांच विकेट झटके। गस एटकिंसन को तीन और जेमी ओवरटन को दो सफलताएं मिलीं। परंतु भारतीय बल्लेबाजों ने संयम और आक्रामकता का संतुलन बनाकर स्कोरबोर्ड पर दबाव कायम रखा।

गिल की लय और नेतृत्व क्षमता पर नजर

हालांकि गिल इस अंतिम टेस्ट में बल्ले से खास कमाल नहीं दिखा सके (21 और 11 रन), लेकिन बतौर कप्तान उन्होंने बेहतरीन रणनीति और संयम दिखाया। उनका नेतृत्व, गेंदबाजों के समुचित प्रयोग और फील्ड प्लेसमेंट से टीम को निर्णायक बढ़त दिलाने में मदद मिली।

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