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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के नालंदा जिले के उतरथु गांव में उस वक्त मातम पसर गया जब जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर से एक दर्दनाक खबर आई — बीएसएफ जवान सिकंदर राउत पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हो गए। देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले इस जांबाज़ सपूत की शहादत पर गांव में गर्व और ग़म की मिली-जुली भावनाएं हैं।

रांची से कुपवाड़ा तक, ड्यूटी फिर शहादत

सिकंदर राउत कुछ महीनों पहले तक झारखंड के रांची में तैनात थे। लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते उन्हें कुपवाड़ा भेजा गया था। वहां दुश्मन की गोलीबारी और आतंकी मुठभेड़ में उन्हें गंभीर चोटें आईं। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली और देश ने एक बहादुर जवान को खो दिया।

पत्नी को आया एसएमएस टूट गया संसार

शहादत की खबर जितनी चौंकाने वाली थी उतना ही पीड़ादायक था उसका तरीका। सिकंदर की पत्नी को यह जानकारी मोबाइल पर एसएमएस के ज़रिए मिली। जैसे ही गांव में यह बात फैली चारों तरफ मातमी सन्नाटा पसर गया। बच्चे बेसुध हैं पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है और बूढ़े माता-पिता इस ग़म को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

उनके चचेरे भाई रामरतन राउत ने बताया कि सिकंदर हमेशा देश की सेवा में आगे रहते थे। उन्हें अपने फर्ज़ से मोहब्बत थी लेकिन अब वो सिर्फ यादों में रह गए।

 

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