
Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में एक भरतनाट्यम बैले 'सीता कल्याणम' ने अपनी भावुक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रस्तुति भक्ति और छल के मार्मिक चित्रण पर आधारित थी, जिसने सभी को बांधे रखा।
इस बैले ने भगवान राम और सीता की अटूट भक्ति की कहानी को रावण द्वारा रचे गए धूर्त छल के साथ खूबसूरती से जोड़ा। इसमें रामायण के उन महत्वपूर्ण प्रसंगों को बेहद कलात्मक ढंग से दर्शाया गया, जिन्होंने इस महाकाव्य को आकार दिया।
एक महत्वपूर्ण पल सुनहरे हिरण का चित्रण था, जिसने राम को लुभाया। इसके बाद लक्ष्मण अपने भाई की सहायता के लिए चले गए, जिससे सीता लक्ष्मण रेखा के पीछे असुरक्षित रह गईं। रावण द्वारा एक भिक्षु के वेश में सीता का हरण, नाटकीय तीव्रता के साथ प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों में सहानुभूति और भय दोनों जगाया।
डॉ. चित्रा माधवन की कोरियोग्राफी ने पारंपरिक भरतनाट्यम तकनीकों को नवीन कहानी कहने के साथ कुशलता से जोड़ा। प्रत्येक गति, प्रत्येक 'मुद्रा' (हाथों की मुद्राएं) ने गहन 'भाव' (भावना) व्यक्त किया और समग्र 'कथा' (कहानी) में योगदान दिया। यह कलाकृति दिखाती है कि कैसे भरतनाट्यम के ज़रिए एक जटिल और बहुआयामी कहानी को जीवंत किया जा सकता है।
इस बैले का उद्देश्य शास्त्रीय कलाओं को समकालीन दर्शकों के लिए सुलभ और मनमोहक बनाना था, और यह अपने मिशन में सफल रहा। इसने एक ऐसा प्रदर्शन दिया जो नेत्रहीन रूप से आश्चर्यजनक और भावनात्मक रूप से प्रभावशाली दोनों था। 'सीता कल्याणम' सिर्फ एक नृत्य प्रदर्शन नहीं था, बल्कि कला, भक्ति और मानवीय भावनाओं का एक सुंदर संगम था।
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