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Up Kiran, Digital Desk: मेक इन इंडिया' (Make in India) पहल और केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम (Production-Linked Incentive Scheme) के दम पर भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) ने एक बार फिर शानदार रिकॉर्ड बनाया है। भारत से स्मार्टफ़ोन का निर्यात (Smartphone Exports) अपनी तेज़ी से आगे बढ़ने की यात्रा में एक नए शिखर पर पहुँच गया है।

वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) की पहली छमाही (Half) में भारत का स्मार्टफ़ोन निर्यात 13.4 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में एक ज़बरदस्त 59% का उछाल है।

आत्मनिर्भरता से निर्यात का महाशक्ति बनना

यह डेटा साफ़ दिखाता है कि भारत अब सिर्फ़ एक उपभोगता (Consumer) बाज़ार नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक तकनीकी दुनिया (Global Tech World) के लिए एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब (Manufacturing Hub) के रूप में तेज़ी से उभर रहा है। यह बंपर ग्रोथ निम्नलिखित मुख्य वजहों से हासिल हुई है:

सरकारी प्रोत्साहन (Government Incentives): PLI योजना के तहत सरकार द्वारा निर्माताओं (Manufacturers) को दिए गए आकर्षक प्रोत्साहन ने विदेशी और घरेलू दोनों कंपनियों को भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इससे बड़े पैमाने पर, खासकर एप्पल (Apple) और सैमसंग (Samsung) जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत में अपनी असेंबलिंग (Assembling) और एक्सपोर्ट चेन को मज़बूत किया है।

चीनी बाज़ार पर निर्भरता कम होना: वैश्विक भू-राजनीतिक बदलाव (Geo-political Shifts) और चीन पर निर्भरता कम करने की चाहत ने कई मल्टीनेशनल कंपनियों को भारत की तरफ रुख करने के लिए प्रेरित किया है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो भारत को एक विश्वस्तरीय सप्लायर (World-Class Supplier) बना रहा है।

ईंधन रहित आर्थिक इंजन: $13.4 बिलियन का आंकड़ा सिर्फ़ एक संख्या नहीं है। यह निर्यात देश के आर्थिक इंजन को तेल दिए बिना भी आगे बढ़ा रहा है, जिससे व्यापार संतुलन (Trade Balance) सुधरा है और बड़ी संख्या में रोज़गार (Employment) के अवसर पैदा हुए हैं।

 स्मार्टफोन निर्यात में हुई यह तेज़ बढ़ोतरी कोई आकस्मिक घटना (Coincidence) नहीं है, बल्कि एक मजबूत नीतिगत समर्थन और भारतीय विनिर्माण क्षमता का प्रमाण है। भारत अब इलेक्ट्रॉनिक्स और तकनीकी उत्पादों के क्षेत्र में एक वैश्विक ताकत बनने की राह पर मज़बूती से आगे बढ़ रहा है।