
How mongoose wins: सोशल मीडिया पर सांप और नेवले की लड़ाई के वीडियो देख कर कोई भी हैरान रह जाता है। एक तरफ जहरीला कोबरा और दूसरी तरफ छोटा मगर बेहद फुर्तीला नेवला। हर बार नेवले की जीत देखकर मन में सवाल उठता है कि क्या ये सिर्फ ताकत का खेल है या इसके पीछे कोई रणनीति छिपी है।
सांपों को रहस्य और खतरे का प्रतीक माना जाता है। उनका जहर जानलेवा होता है, मगर नेवले के सामने उनकी चाल ढीली पड़ जाती है। नेवला अपनी तेज़ फुर्ती और सटीक टाइमिंग से जाना जाता है। जैसे ही सांप हमला करता है, नेवला बिजली की गति से पीछे हटता है और सही मौके पर पलटकर वार करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नेवला पहले सांप की हरकतों को पढ़ता है और फिर अचानक हमला करता है।
सांप नहीं समझता पाता है नेवले की ये रणनीति
वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. अजय शर्मा बताते हैं कि नेवले की सबसे बड़ी ताकत उसकी रणनीति है। वो सीधे हमला नहीं करता, बल्कि पहले सांप को थकाता और उलझाता है। जब सांप थककर कमजोर हो जाता है, तभी नेवला फाइनल अटैक करता है एक सटीक वार, सीधा गर्दन पर।
जहर से कैसे बच जाता है नेवला
सवाल उठता है कि क्या नेवले पर जहर असर नहीं करता? असल में उसकी मोटी त्वचा सांप के दांतों को अंदर तक जाने से रोकती है। साथ ही उसके शरीर में एक खास प्रोटीन ‘ग्लाइकोप्रोटीन’ होता है। ये जहर को बेअसर करता है। हालांकि, अगर जहर सीधे खून में पहुंच जाए, तो खतरा होता है। मगर नेवले की फुर्ती और सतर्कता उसे ज़्यादातर बार बचा लेती है।
आपको बता दें कि ये लड़ाई सिर्फ ताकत की नहीं, दिमाग, धैर्य और रणनीति की है। सोशल मीडिया पर लोग इसे देखकर कहते हैं कि नेवला दिखाता है कि जीतने के लिए सिर्फ ताकत नहीं, समझदारी भी ज़रूरी है।