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बिहार की सियासत में उस समय भूचाल आ गया जब विपक्ष के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की बात दोहराई। तेजस्वी ने कहा, "अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं करा सकते तो बिहार सरकार को ही एक्सटेंशन दे दो।" यह बयान राज्य में चुनाव प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों के बीच आया है।

तेजस्वी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निष्पक्षता को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक विपक्ष चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मौजूदा स्थिति में जनता का विश्वास चुनावी प्रक्रिया से उठ रहा है।

राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मेरे पास चुनावी धांधली के पुख्ता सबूत हैं। हम इसे जनता के सामने लाएंगे।" राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं।

सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया


सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बीजेपी के कुछ नेताओं ने इन आरोपों को 'जनता को गुमराह करने की रणनीति' बताया है।

चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
विपक्ष ने चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग की है और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है।

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