img

Up Kiran, Digital Desk: मृत्यु और जीवन के रहस्यों पर कई थ्योरी और चर्चाएं होती रही हैं। समाज में यह मान्यता है कि एक बार जीवन का अंत हो जाने के बाद उसे पुनः प्राप्त करना असंभव है, लेकिन तंजानिया के इस्माइल अज़ीज़ी के जीवन ने इस धारणा को पूरी तरह से चुनौती दी है। इस्माइल वह शख्स हैं जिन्होंने छह बार मौत का सामना किया और हर बार एक चमत्कारिक तरीके से जीवन को फिर से पाया।

इस्माइल की मौत की पहली घटना: एक दुर्घटना का परिणाम

इस्माइल अज़ीज़ी की पहली मौत कथित तौर पर एक गंभीर दुर्घटना के कारण हुई। जब वे अपने काम पर थे, तो एक हादसा हुआ और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बाद में उन्हें मुर्दाघर भेज दिया गया और उनकी दफ़नाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। लेकिन जैसे ही उनके शरीर को तैयार किया जा रहा था, अचानक उन्होंने आंखें खोल दीं और वे अपने घर की ओर चल पड़े। उनका कहना था, "जब मुझे मुर्दाघर में रखा गया, तो मुझे बहुत ठंड लग रही थी। शुक्र है कि मुर्दाघर बंद नहीं था, और मैं बाहर चला गया। मेरे परिवारवालों ने मुझे देखा तो वे घबराकर भाग गए क्योंकि उन्हें लगा कि मैं कोई भूत हूं।"

दूसरी बार मौत और फिर एक अजीब वापसी

अज़ीज़ी को दूसरी बार मलेरिया हुआ और उन्हें फिर से मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, इसके कुछ समय बाद ही उनके शरीर में हरकत शुरू हो गई और वे फिर से जीवित हो गए। जब उनके परिवारवालों ने उन्हें अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया था, वे अचानक जीवित हो गए। इसके बाद उनकी मौत के सिलसिले ने थमने का नाम नहीं लिया। कभी सांप ने काटा, कभी गहरे गड्ढे में गिरने से मौत आई, और एक बार उनका शव तीन दिन तक मुर्दाघर में पड़ा रहा।

समाज का विरोध और शापित होने का आरोप

इन घटनाओं ने स्थानीय समुदाय में एक नई बहस को जन्म दिया। अज़ीज़ी की बार-बार मृत्यु से फिर से जीवित होने की घटनाओं को कुछ लोग काले जादू या अलौकिक शक्तियों से जोड़ने लगे। यहां तक कि कुछ लोगों ने उन पर जादू टोना करने का आरोप भी लगाया। हालांकि, अज़ीज़ी ने कभी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और उनका उद्देश्य बस अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जीने का था।

एक जादूगर या शापित व्यक्ति?

इस्माइल अज़ीज़ी अब एक जर्जर घर में अकेले रह रहे हैं। वे छोटे-मोटे कामों में व्यस्त रहते हैं, जैसे खेती, खाना पकाना और सफाई करना। अफ्रीमैक्स की डॉक्यूमेंट्री के मुताबिक, अब लोग उन्हें शापित या अमर मानते हैं, लेकिन उन्हें अपने परिवार और समुदाय से कोई सहारा नहीं मिल रहा।

अंत में एक अकेलापन

इन तमाम घटनाओं के बावजूद, इस्माइल अज़ीज़ी शांति से जीवन जी रहे हैं। हालांकि उनकी कहानी एक चमत्कार जैसी लग सकती है, उनके लिए यह एक नीरस और अकेला अनुभव है। वे बताते हैं, "हर बार जब मैं मरकर वापस आता, तो मेरे शरीर में एक अजीब सा एहसास होता था। लोग मुझसे डरने लगे और मुझे एक डायन की तरह देखते थे।"

--Advertisement--