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सियासी पार्टियों ने 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। आमतौर पर उत्तर भारतीय राजनीति में धर्म और धार्मिक स्थलों का वर्चस्व माना जाता है। साउथ भारत में भी अब मंदिर की राजनीति की तस्वीर देखने को मिल रही है।

तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने दो दिन पहले कोंडागट्टू जिले में अंजनेय स्वामी मंदिर के निर्माण की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने 600 करोड़ का फंड जारी किया है। तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के सांसद के. केशवराव ने कहा। दूसरी ओर, जगमोहन रेड्डी की सरकार यह नहीं मानती है कि यह एक राजनीतिक स्टंट है, जबकि आंध्र प्रदेश सरकार लगभग 1,400 मंदिरों का निर्माण कर रही है। समग्र रूप से दक्षिण भारत में अब सरकार ने मंदिर निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी है।

आंध्र प्रदेश सरकार 1400 मंदिरों का निर्माण कर रही है

जगन मोहन सरकार पहले ही 26 जिलों में 1400 मंदिरों के निर्माण की घोषणा कर चुकी है। इनमें से 1030 निर्माण स्वयं सरकार द्वारा तथा 330 निर्माण समरसठ सेवा फाउंडेशन द्वारा कराये जा रहे हैं। 

दिलचस्प बात यह है कि यह फाउंडेशन आरएसएस से संबद्ध एक एनजीओ है। प्रत्येक मंदिर के लिए 8-8 लाख और मूर्तियों के लिए 2-2 लाख का प्रावधान है। तेलंगाना सरकार ने 1800 करोड़ रुपये की लागत से यदागिरिगुट्टा लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर का जीर्णोद्धार किया है। कर्नाटक सरकार ने भी मंदिरों के लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।