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हाल ही में, 'अभ्युदय वात्सल्यम' संस्था ने बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ हरेला का पर्व मनाया। इस अवसर पर संस्था ने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें वृक्षारोपण को सबसे प्रमुखता दी गई। इसके साथ ही, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिससे स्थानीय परंपराओं और पर्यावरण के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के महत्व के प्रति जागरूक करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना था। संस्था ने विशेष रूप से बच्चों और युवाओं को इस मुहिम में शामिल किया ताकि उनमें छोटी उम्र से ही प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।
हरेला, जो उत्तराखंड का एक प्रमुख पारंपरिक त्यौहार है, मुख्य रूप से प्रकृति और अच्छी फसल की कामना से जुड़ा है। अभ्युदय वात्सल्यम ने इस त्यौहार की खुशी को वृक्ष लगाकर और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर मनाया। कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के सदस्यों, स्वयंसेवकों और बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर पौधे लगाए और पर्यावरण को हरा-भरा बनाने का प्रण लिया।
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यह आयोजन न केवल सफल रहा, बल्कि इसने सामुदायिक भागीदारी और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को भी मजबूत किया। अभ्युदय वात्सल्यम के इस प्रयास की सभी ने प्रशंसा की, क्योंकि यह त्यौहार मनाने का एक सकारात्मक और सार्थक तरीका साबित हुआ।
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