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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में विपक्षी महागठबंधन की एकता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सीट बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच गहराता टकराव अब कई विधानसभा क्षेत्रों में ज़मीन पर दिखने लगा है। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बाहर जाने के बाद से महागठबंधन पहले ही दबाव में था, लेकिन अब कई सीटों पर सहयोगी दलों के बीच सीधी भिड़ंत ने गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

121 सीटों पर 1314 उम्मीदवार मैदान में, 6 नवंबर को होगा मतदान

दूसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब 243 सीटों में से 121 पर कुल 1,314 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। चुनाव आयोग ने 61 नामांकन वापस ले लिए, जबकि 300 से ज्यादा को खारिज कर दिया गया। इन सीटों पर मतदान 6 नवंबर को होगा।

राजद ने 143 उम्मीदवार उतारे, लेकिन टकराव नहीं टला

राजद ने इस बार 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पार्टी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सीधा टकराव टालने की कोशिश की, लेकिन वैशाली, कहलगांव और लालगंज जैसी सीटों पर दोनों दल आमने-सामने हैं।

VIP के टिकट पर भी सियासी ड्रामा, BJP को मिला फायदा?

तारापुर सीट पर VIP उम्मीदवार सकलदेव बिंद ने नामांकन वापस लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी ने यहां से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को उतारा है। वहीं, गौरा बोरम में भी VIP और राजद के बीच समर्थन को लेकर घमासान मचा है। लालू यादव की ओर से भेजे गए पत्र का कोई असर नहीं हुआ, और राजद के चिन्ह पर खड़े उम्मीदवार अफजल अली हटने को तैयार नहीं हैं।

निर्दलीय बगावत: पार्टी नेताओं के खिलाफ खड़े अपने ही

राजद को परिहार सीट पर उस वक्त झटका लगा जब पार्टी की महिला विंग की प्रमुख रितु जायसवाल ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया। बताया जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर वह नाराज़ हैं।

INDIA Bloc में दरार: CPI, कांग्रेस भी भिड़े

राजापाकर, बछवाड़ा और रोसड़ा जैसी सीटों पर कांग्रेस और सीपीआई दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इससे महागठबंधन के भीतर की दरार साफ हो गई है। राजापाकर में कांग्रेस की मौजूदा विधायक प्रतिमा कुमारी दास अपनी सीट बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

पप्पू यादव का असर, कांग्रेस में बेचैनी

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव की एंट्री ने कांग्रेस को अंदर से हिला दिया है। उनके करीबियों को टिकट देने की वजह से कई वरिष्ठ नेता नाराज़ हैं। यह सीटों पर कांग्रेस की जीत को मुश्किल में डाल सकता है।