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Up Kiran, Digital Desk: वित्तीय बाजारों की दुनिया में, ऑप्शंस से जुड़े डेटा का विश्लेषण करके बाजार की चाल का अंदाज़ा लगाया जाता है। हालिया ऑप्शंस डेटा एक खास संकेत दे रहा है जो ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

ऑप्शंस डेटा, जैसे कि विभिन्न स्ट्राइक प्राइस पर 'कॉल' और 'पुट' ऑप्शंस में कितनी ओपन इंटरेस्ट (बाकी खुली पोजीशन) है या कितना वॉल्यूम है, बताता है कि बाजार प्रतिभागी किसी खास दिशा (ऊपर या नीचे) को लेकर कितने आश्वस्त हैं।

जो डेटा सामने आया है, उसके विश्लेषण से यह संकेत मिल रहा है कि बाजार में फिलहाल 'साइडवेज ट्रेडिंग' या 'सीमित दायरे में कारोबार' देखने को मिल सकता है। 'साइडवेज ट्रेडिंग' का मतलब है जब बाजार या कोई शेयर किसी खास समय में न तो तेज़ी से ऊपर जा रहा होता है और न ही तेज़ी से नीचे आ रहा होता है। वह एक निश्चित ऊपरी और निचली सीमा (Support and Resistance) के बीच ही घूमता रहता है।

यह ऑप्शंस डेटा दर्शाता है कि बाजार में अभी किसी बड़ी एकतरफा चाल (directional move) को लेकर स्पष्ट सहमति नहीं है। निवेशक और ट्रेडर शायद नई जानकारी या ट्रिगर्स का इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार को कोई नई दिशा मिल सके।

ऑप्शंस डेटा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में बाजार एक सीमित रेंज में ही कारोबार कर सकता है, जब तक कि कोई बड़ा घटनाक्रम न हो जो इस समीकरण को बदल दे। यह उन ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण जानकारी है जो अपनी रणनीति तय करते हैं।

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