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Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरिया और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच न्यूयॉर्क में एक अहम मुलाकात हुई, जिसमें कोरियाई प्रायद्वीप की सुरक्षा को लेकर गंभीर चर्चा हुई। दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।

यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर हुई। इस दौरान दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव को उत्तर कोरिया को लेकर अपनी नीति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया का मकसद उत्तर कोरिया के साथ तनाव कम करना और आपसी विश्वास बनाना है, ताकि इलाके में शांति और स्थिरता कायम हो सके।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चो ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर भी "गहरी चिंता" जताई और इसे रोकने की मांग की।

हालांकि, मंत्रालय ने इस पर ज्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन रूसी समाचार एजेंसी 'रिया नोवोस्ती' ने बताया कि लावरोव ने इस मुलाकात में अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगी देशों पर उत्तर कोरिया को निशाना बनाने वाली सैन्य गतिविधियों का आरोप लगाया। रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि लावरोव ने इन गतिविधियों को "उकसावे वाला" बताया और कहा कि उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध और दबाव बनाने की जगह आपसी सम्मान के साथ बातचीत ही एकमात्र रास्ता है जिससे पूर्वोत्तर एशिया में शांति सुनिश्चित हो सकती है।

इसके अलावा, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री ने रूस में रह रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा और वहां काम कर रही दक्षिण कोरियाई कंपनियों के लिए एक अच्छा माहौल बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, दोनों मंत्री भविष्य में भी जरूरी मुद्दों पर बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए।

यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों के बीच यह पहली औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत है। हालांकि, इससे पहले जुलाई में लाओस में हुई आसियान की बैठक में दोनों की एक छोटी सी मुलाकात हुई थी।

पिछले साल भी, दक्षिण कोरिया के तत्कालीन विदेश मंत्री ने उत्तर कोरिया और रूस के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे प्योंगयांग की "कोरियाई प्रायद्वीप और उससे आगे की सुरक्षा को खतरे में डालने" की क्षमता बढ़ सकती है।