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strange tax: बजट की चर्चाओं के बीच आइए नजर डालते हैं कुछ होश उड़ा देने वाले करों पर जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हैं।

आत्मा पर कर

1718 में रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने आत्मा पर कर लगाया, जो कि विश्वास करने वाले और न करने वालों दोनों पर लागू होता था। यह कर धार्मिक विश्वासों को चुनौती देता था, और अगर करदाता घर पर नहीं होता था, तो उसके पड़ोसी को यह कर चुकाना पड़ता था।

खिड़कियों पर कर

साल 1696 में इंग्लैंड और वेल्स के राजा विलियम तृतीय ने खिड़कियों पर कर लगाया था। ये कर उन घरों पर लागू होता था जिनमें 10 या उससे अधिक खिड़कियाँ थीं। इस उपाय का उद्देश्य राजा के खाली खजाने को भरना था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप कई लोगों ने अपनी खिड़कियों को ईंटों से ढक दिया, जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। आखिर ये कर 1851 में समाप्त हुआ।

दाढ़ी पर कर

1535 में इंग्लैंड के सम्राट हेनरी अष्टम ने दाढ़ी पर कर लगाया, जो व्यक्ति की सामाजिक स्थिति के अनुसार लिया जाता था। उनके बाद, उनकी बेटी एलिजाबेथ प्रथम ने नियम बनाया कि दो हफ्ते से अधिक दाढ़ी रखने पर कर लगेगा। ये कर न केवल दाढ़ी रखने वालों के लिए बल्कि उनके पड़ोसियों के लिए भी समस्याएँ खड़ी करता था, यदि करदाता घर पर नहीं होता था।

बैचलर टैक्स

नौवीं शताब्दी में रोम में बैचलर टैक्स लागू हुआ, जिसका मकसद विवाह को बढ़ावा देना था। इस कर का प्रभाव केवल अविवाहित पुरुषों पर नहीं बल्कि उन विवाहित जोड़ों पर भी था जिनके बच्चे नहीं थे। ये कर अलग अलग साम्राज्यों में अलग-अलग रूपों में देखा गया।

मूत्र पर टैक्स

प्राचीन रोम में मूत्र को एक महंगा संसाधन माना जाता था। राजा वेस्पासियन ने सार्वजनिक मूत्रालयों से मूत्र के वितरण पर कर लगाया। इससे यह साबित हुआ कि पैसे की कोई गंध नहीं होती।

सेक्स पर टैक्स

सन् 1971 में रोड आइलैंड में हर यौन संबंध पर कर लगाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे कभी लागू नहीं किया गया। हालांकि, जर्मनी में वेश्यावृत्ति वैध है और वेश्याओं को हर महीने 150 यूरो का टैक्स देना होता है।

महिलाओं के लिए कर

19वीं सदी में त्रावणकोर के राजा ने निचली जाति की महिलाओं के स्तन ढकने पर कर लगाया। इस कर के खिलाफ नंगेली नाम की महिला ने अपने स्तन काटकर विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप ये कर खत्म हुआ।