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Up kiran,Digital Desk : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीन कार्ड लॉटरी, जिसे डायवर्सिटी वीजा प्रोग्राम कहा जाता है, को निलंबित करने का फैसला लिया है। यह फैसला उस खुलासे के बाद सामने आया है, जिसमें दावा किया गया कि ब्राउन यूनिवर्सिटी और एमआईटी से जुड़े एक फायरिंग मामले में मिला संदिग्ध इसी लॉटरी प्रोग्राम के जरिए अमेरिका आया था।

इस बारे में जानकारी अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) को इस कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। नोएम ने साफ कहा कि जिस व्यक्ति को सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है, उसे कभी अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए थी।

डायवर्सिटी वीजा प्रोग्राम क्या है?

डायवर्सिटी वीजा प्रोग्राम अमेरिका की एक पुरानी इमिग्रेशन योजना है। इसके तहत हर साल लॉटरी सिस्टम के जरिए उन देशों के नागरिकों को करीब 50 हजार ग्रीन कार्ड दिए जाते हैं, जिनकी अमेरिका में आबादी या प्रतिनिधित्व कम माना जाता है। इसका उद्देश्य अलग-अलग देशों के लोगों को अमेरिका में बसने का मौका देना रहा है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में इस वीजा लॉटरी के लिए लगभग दो करोड़ लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से चुने गए लोगों और उनके जीवनसाथियों को मिलाकर करीब 1.31 लाख से ज्यादा लोगों का चयन हुआ।

ट्रंप पहले भी कर चुके हैं विरोध

डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से डायवर्सिटी वीजा प्रोग्राम के आलोचक रहे हैं। उनका मानना रहा है कि यह व्यवस्था अमेरिका की सुरक्षा और इमिग्रेशन नीति के अनुरूप नहीं है। क्रिस्टी नोएम की यह घोषणा भी ट्रंप प्रशासन की उसी सख्त इमिग्रेशन सोच को आगे बढ़ाती दिखती है।

इससे पहले भी, जब नवंबर में नेशनल गार्ड के सदस्यों पर हुए जानलेवा हमले में एक अफगानी नागरिक की पहचान आरोपी के रूप में हुई थी, तब ट्रंप प्रशासन ने अफगानिस्तान और कुछ अन्य देशों से इमिग्रेशन पर कड़े नियम लागू किए थे। मौजूदा फैसला भी उसी नीति की कड़ी माना जा रहा है।