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Up Kiran, Digital Desk:झारखंड की लातेहार ज़िले में पुलिस को सोमवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के नौ सक्रिय उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें संगठन का ज़ोनल कमांडर और चार उप जोनल कमांडर भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार इन नौ आरोपियों पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आत्मसमर्पण के दौरान इन उग्रवादियों ने न सिर्फ हथियार छोड़े बल्कि भारी मात्रा में गोली बारूद भी सौंपा। ज़ब्त हथियारों में चार एके 47 राइफल और तीन एसएलआर के अलावा सैकड़ों कारतूस शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधिकारियों ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को गुलदस्ता और शॉल देकर स्वागत किया। यह प्रयास राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसके तहत नक्सलियों को हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया जा रहा है।
मुख्य आरोपी और उन पर दर्ज मामल
पुलिस ने बताया कि ज़ोनल कमांडर रविंद्र यादव पर पांच लाख रुपये का इनाम था। वह 14 मामलों में वांछित था और उसके पास से दो एके 47, तीन राइफलें और 1241 कारतूस बरामद हुए।
तीन उप जोनल कमांडरों पर पांच पांच लाख का इनाम निर्धारित था। इनमें शामिल हैं
अखिलेश रविंद्र यादव, जो 10 मामलों में वांछित था
बलदेव गंझू, जिस पर 9 केस दर्ज थे
मुकेश राम, जो 21 मामलों में आरोपी था
चौथे उप जोनल कमांडर की पहचान पवन उर्फ राम प्रसाद के रूप में हुई है। उस पर तीन लाख रुपये का इनाम था और वह तीन मामलों में पुलिस को चाहिए था।
इसके अलावा ध्रुव, विजय यादव, श्रवण सिंह और मुकेश गंझू नामक चार क्षेत्रीय कमांडरों ने भी आत्मसमर्पण किया। ये लोग कुल मिलाकर नौ मामलों में पुलिस की गिरफ्त से बाहर थे।
पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सली संगठन का यह गिरोह लंबे समय से इलाके में सक्रिय था और कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका था। आत्मसमर्पण के बाद लातेहार और आसपास के जिलों में नक्सल गतिविधियों को कमजोर करने में मदद मिलेगी।
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