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Up Kiran, Digital Desk: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के भविष्य और खासकर टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर इसके प्रभाव को लेकर अपना नज़रिया अक्सर साझा करते रहते हैं। उनका AI को लेकर जो रुख है, वह खास तौर पर कोडिंग इंजीनियरों के समुदाय के लिए काफी उत्साहजनक माना जा रहा है।

जहां कुछ लोग AI को नौकरियों के लिए खतरा मानते हैं और यह चिंता जताते हैं कि AI इंसानों द्वारा किए जाने वाले कई कामों को स्वचालित (automate) कर देगा, वहीं सुंदर पिचाई का दृष्टिकोण इसके विपरीत है। उनका मानना है कि AI कोडिंग इंजीनियरों की जगह लेने के बजाय, उनके काम में एक शक्तिशाली सहयोगी के रूप में काम करेगा।

पिचाई का नज़रिया यह है कि AI टूल्स इंजीनियरों को दोहराए जाने वाले और थकाऊ कामों (जैसे शुरुआती कोड लिखना, बग ढूंढना या टेस्टिंग करना) से मुक्ति दिलाएंगे। इससे इंजीनियर अपना समय और ऊर्जा ज़्यादा जटिल समस्याओं को सुलझाने, नए समाधान खोजने और रचनात्मक (creative) परियोजनाओं पर केंद्रित कर पाएंगे।

यह AI-संचालित सहायता इंजीनियरों की उत्पादकता (productivity) बढ़ाएगी और उन्हें ज़्यादा चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। पिचाई के इस दृष्टिकोण से कोडिंग इंजीनियरों को यह आश्वासन मिलता है कि AI उनके लिए खतरा नहीं है, बल्कि एक ऐसा टूल है जो उनके कौशल को बढ़ाएगा और उनके करियर के अवसरों को नया आकार देगा।

यह सकारात्मक दृष्टिकोण कोडिंग समुदाय में आशावाद पैदा कर रहा है और उन्हें AI को अपनाने और इसके साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

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